MP News: भोपाल में रोजाना चाहिए 100 टन से ज्यादा ऑक्सीजन, मिल रही 80 टन

मध्यप्रदेश में तमाम कोशिशों के बाद भी ऑक्सीजन पूरी नहीं मिल पा रही है। राजधानी भोपाल में सांसों का संघर्ष जारी है। लगभग सभी अस्पतालों में पिछले 72 घंटे से ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। शहर के 104 कोविड अस्पतालों में आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्ट पर करीब 4,771 मरीज हैं। ऐसे में शहर को रोजाना 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन मिल रही है सिर्फ 80 टन। बीते 24 घंटे में सरकारी रिकॉर्ड में तो 5 मौतें दर्ज की गई हैं, लेकिन भदभदा विश्रामघाट पर शनिवार को 100 संक्रमितों के शव लाए गए थे। इसमें से अकेले भोपाल के ही 66 शव थे।

भदभदा विश्रामघाट में 118 शवों का अंतिम संस्कार

शनिवार को भोपाल के भदभदा विश्रामघाट पर पहली बार रिकॉर्ड 118 शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। इनमें कोरोना संक्रमितों के 100 शव थे। 18 शव सामान्य थे। कोरोना संक्रमितों के 100 शवों में 66 भोपाल और 34 शव बाहर के थे। हालाकि, सरकारी रिकॉर्ड कुछ और ही आंकड़े बयां कर रहे है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भोपाल में सिर्फ 5 मौतें काेरोना की वजह से हुई। लेकिन सिर्फ भदभदा विश्रामघाट में शनिवार (24 अप्रैल) को जितने शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया, उतनी मौतें सरकारी रिकार्ड में 15 दिनों में होना दर्ज किया गया है। जबकि इस श्मशान में वन विभाग हर रोज 2 से 3 ट्रक लकड़ी उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाएं भी 1 से 2 ट्रक लकड़ी यहां दे रहे हैं।

4 बड़े शहरों में 24 घंटे में 5,704 नए केस


प्रदेश के 4 बड़े शहरों में 24 घंटे में 5,704 नए केस आए हैं, जबकि 31 मौतें हुई हैं। इस दौरान इंदौर में सबसे ज्यादा 1,826 नए संक्रमित सामने आए और 7 लोगों ने जान गंवाई। सरकारी रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा 12 मौतें ग्वालियर में दर्ज की गई हैं। यहां 1,220 नए संक्रमित मिले हैं। भोपाल में 1,802 नए मामले सामने आए हैं और 5 मौतें हुई हैं। जबलपुर में 856 नए संक्रमित मिले हैं जबकि 7 मरीजों ने दम तोड़ दिया। राहत की बात ये है कि ग्वालियर और जबलपुर में जितने नए संक्रमित मिले, उससे ज्यादा ठीक भी हुए हैं।