यूपी की राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्याकांड ने तूल पकड़ लिया है वही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेक तिवारी की पत्नी से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से अपनी संवेदनाएं जाहिर की। उन्होंने मृतक विवेक तिवारी की पत्नी से कहा कि परिवार को जिस किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत होगी, सरकार उसे मुहैया कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार जब कभी भी चाहेगा उनसे मिल सकता है।
एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ने इस मामले में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि परिवार की शिकायत के आधार पर इस मामले में एक और FIR दर्ज होगी। इस मामले में पहली एफआईआर विवेक तिवारी की सहकर्मी और चश्मदीद सना खान ने दर्ज करवाई थी। एडीजी ने कहा कि यदि परिवार मांग करता है तो इस मामले की जांच सीबीआई को भी सौंपी जा सकती है। बता दें कि इस मामले में मृतक की पत्नी ने सीबीआई जांच और एक करोड़ के मुआवजे की मांग की है। एडीजी ने जानकारी दी कि आईजी रेंज की अगुवाई में एसआईटी और एफएसएल टीम ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, "भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए भी सख़्त निर्देश दिए जा रहे हैं। घटना करने, छिपाने वालों पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले के दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।"
राजनीति सरगर्मइस शूटआउट के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है। राज बब्बर, मायावती, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने यूपी की बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है। अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया तो राज बब्बर ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त पुलिसकर्मी नशे में थे और पुलिस ने उनका मेडिकल नहीं कराया।
पुलिस इस केस में लीपापोती की कोशिश कर रही हैकानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना को अकल्पनीय घृणित बताया है। कहा है कि पुलिस इस केस में लीपापोती की कोशिश कर रही है, मगर किसी दोषी अफसर को बख्शा नहीं जाएगा। ब्रजेश पाठक ने सवाल किया कि क्या कार न रोकने पर सभी कार चालकों को यूपी पुलिस गोली विवेक की तरह गोल