CM योगी से मिली मृतक विवेक तिवारी की पत्नी बोलीं- सरकार पर विश्वास और मजबूत हुआ

यूपी की राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्याकांड ने तूल पकड़ लिया है वही मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी ने सोमवार को 5 कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कल्पना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कल्पना ने कहा, " उन्होंने (मुख्यमंत्री) जो भी मैं कहना चाहती थी, उसे सुना और पूरा आश्वासन भी दिया। मैंने पहले भी कहा था कि मुझे मेरी राज्य सरकार पर पूरा विश्वास है और आज मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वह विश्वास और मजबूत हो गया।" उन्होंने कहा, " मैं चाहती थी कि मुख्यमंत्री से मिलकर अपने मांगें उनके सामने रखूं। मेरी ये इच्छा पूरी हो गई। मेरे पति को जो निर्मम हत्या हुई है, हत्यारों को कठोर से कठोर सजा मिले, ये मांग पूरी हो गई। मेरी नौकरी, रहने की समस्या, बेटियों की पढ़ाई की मांग भी पूरी हुई। मेरी सास और बच्चों की भविष्य की चिंता। ये सभी बात मैंने उठाई और मुख्यमंत्रीजी ने मेरी सभी मांगों को मान लिया। उन्होंने कहा कि परिवार को फिर से खड़ा करने में सरकार पूरी मदद करेगी। मैं उनकी बातों से सहमत और संतुष्ट हूं।"

सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा खुद कल्पना को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। कल्पना के साथ उनकी दोनों बेटियां भी मौजूद थीं। दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ है और उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने परिवार को मदद का भरोसा भी दिलाया है। इससे पहले रविवार को ही सीएम योगी ने कल्पना तिवारी से फोन पर बात की थी। सीएम योगी ने उनसे बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया था। योगी ने फोन पर कहा कि डिप्टी सीएम के जरिए वह किसी भी तरह की मदद मांग सकती हैं। डिप्टी सीएम से मुलाकात के बाद ही कल्पना तिवारी ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया था। वह चाहती हैं कि एसआईटी ही इसकी जांच करे। गौरतलब है कि एफआईआर को लेकर उठे सवालों के बाद अब पुलिस ने मृतक विवेक की पत्नी की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है।

इससे पहले पुलिस ने घटना के वक्त विवेक के साथ कार में मौजूद उनकी सहकर्मी सना के नाम से एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें बहुत ही होशियारी के साथ ये साबित करने की कोशिश की गई थी कि पुलिस ने विवेक पर गोली ही नहीं चलाई।

सीसीटीवी फुटेज से खुली पुलिस की पोल

बता दें कि विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में सोमवार को सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने यूपी पुलिस के दावों की पोल खोलकर रख दी है। घटना के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों ने बताया था कि विवेक तिवारी की गाड़ी खड़ी थी। जबकि तस्वीरों में साफ है कि गाड़ी चलती पाई गई। आरोपी प्रशांत चौधरी ने दावा किया था कि विवेक ने उसके ऊपर तीन बार गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन तस्वीरें बताती हैं कि गाड़ी पहले चल रही थी। यानी मौके पर मृतक विवेक के साथ मौजूद उसकी महिला का दावा सही पाया गया है।

संदिग्ध स्थिति में लिया एक्शन


इस मामले में पुलिस का कहना है कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था। गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने कहा कि तिवारी ने वहां से कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, इसी क्रम में पहले उसने पहले पुलिस की पेट्रोलिंग वाली बाइक में और फिर बाद में दीवार को भी टक्कर मारी।

ख़बर ये भी है कि पुलिस ने विवेक की महिला मित्र को उसके घर में ही नज़रबंद कर दिया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लखनऊ के पुलिस कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गोली चलाने की नौबत क्यों आई। लखनऊ पुलिस का कहना है कि कॉन्स्टेबल ने आत्म-रक्षा के लिए गोली चलाई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी कॉन्स्टेबल को लगा कि कार के भीतर शायद अपराधी हो सकते हैं।