बुलंदशहर हिंसा: आज मृतक इंस्पेक्टर सुबोध के परिजनों से मिलेंगे CM योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) गुरुवार को बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) में मारे गए स्याना चौकी प्रभारी सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) के परिजनों से मुलाक़ात करेंगे। यह मुलाकात मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर होगी। मुख्यमंत्री मृतक सुबोध की पत्नी और बेटों से मुलाकात कर मामले की जानकारी लेंगे और उनकी मांगों को सुनेंगे। बता दे, गोहत्या के शक में हिंसक हुई भीड़ ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोली लगने के बाद भी भीड़ उन्हें पीटती रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि उनके बाईं आंख के पास गोली लगने मौत हुई। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गांव के लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा है। सुबोध के परिजनों का आरोप है कि एक साजिश के तहत सुबोध कुमार सिंह की हत्या कराई गई है। उनकी मांग है कि सुबोध कुमार को शहीद का दर्जा दिया जाए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद, असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य के सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर चुके हैं।

हालांकि मंगलवार को अंतिम संस्कार से पहले मृतक सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अभी तक कोई मिलने नहीं आया।

सुनीता सिंह ने कहा, " मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा गौ-गौ-गौ चिल्लाते रहते हैं। खुद आकर गौरक्षा क्यों नहीं करते हैं। शर्म की बात है। अफसोस है मुझे इस बात का। गौ हमारी माता है। लेकिन गौ एक जानवर है उसी के लिए मेरे भाई ने जान दे दी। हमें पैसे नहीं चाहिए। हमारा भाई एक जाबांज अफसर था।"

मृतक सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह कहती हैं, 'सुबोध कुमार अखलाक हत्याकांड की जांच कर रहे थे। इसी वजह से उनकी हत्या हुई। यह पुलिस की साजिश है।' उन्होंने भाई को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि पैतृक गांव में उनका स्मारक बनाया जाए। इससे पहले मृतक सुबोध की पत्नी रजनी सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनके पति ईमानदार और बहादुर अफसर थे। लेकिन पुलिस विभाग ही उन्हें न्याय दिलाने में संकोच कर रहा है। उन्होंने कहा था कि अगर हत्या करने वालों को गोली मारी जाए तो न्याय है वरना उनका तो सब कुछ खत्म हो गया है। उनका कहना था कि पुलिस विभाग ही उनकी मदद नहीं कर रहा है।

उधर अपने पिता के निधन से गम में डूबे बड़े बेटे श्रेय ने खुलासा करते हुए कहा कि पापा को लगातार धमकियां मिल रही थीं। आंखों में आंसू लिए श्रेय उन पलों को याद करते हुए कहते हैं कि पापा कहते थे बेटा यूपीएससी की पढ़ाई करो। सिविल सेवा में जाकर देश का नाम रौशन करो। छोटे बेटे अभिषेक ने कहा है कि हिन्दू-मुस्लिम विवाद की वजह से उनके पिता की जिंदगी चली गई। अभिषेक ने कहा- पिता मुझे अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के आधार पर किसी हिंसा को बढ़ावा नहीं दे। इंस्पेक्टर के बेटे ने यह भी सवाल किया- आज मेरे पापा की जान गई है, कल किसके पिता को मार डालोगे!