9000 करोड़ रुपये के घोटाले कारोबारी विजय माल्या को प्रत्यर्पण मामले में लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर की अदालत से जमानत मिल गई है। इसके बाद अब मामले में अगली सुनवाई अब 12 सितंबर को होगी। जमानत मिलने के बाद विजय माल्या ने कहा, 'मैंने किसी भी दया याचिका के लिए आवेदन नहीं किया है। मैं अपनी देनदारियों को चुकाने के लिए तैयार हूं।' इससे पहले कोर्ट परिसर पहंचे विजय माल्या ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया। माना जा रहा है कि कोर्ट से भारत की उम्मीदों के खिलाफ फैसला आने के बाद अब बिना समय गंवाए सीबीआई और ईडी लंदन की सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं। बता दें कि बीते 3, 4 माह से दोनों पक्ष (भारत सरकार और माल्या के वकील) की तरफ से जज एम्मा आर्बुथनॉट के पास लिखित में अपने तर्क जमा किया जा रहे थे।
बहस पूरी होने के बाद अदालत फैसला सुनाया। भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ माल्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भारत सरकार को जेल का वीडियो मुहैया कराने का आदेश दिया है। किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मुखिया विजय माल्या पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर हैं और कोर्ट ने उनकी जमानत को बरकरार रखा है।
इससे पहले भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा कि न्यायाधीश आर्बुथनॉट मामले पर अंतिम सुनवाई करेंगी और फैसले को सुरक्षित रख लिया जाएगा। मालूम हो कि इससे पहले 27 अप्रैल को कोर्ट ने भारतीय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)की तरफ से जमा कराए गए बहुत सारे सबूतों को स्वीकार कर लिया था। सबूत स्वीकार किए जाने से माल्या को वापस ले जाने के लिए चल रहे भारतीय खेमे के प्रयासों को उत्साह मिला था और सफलता की उम्मीद बढ़ गई थीं।