बेरोजगारी के आरोपों पर PM मोदी ने कहा - सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में ही मिला 6 करोड़ रोजगार

लोकसभा चुनाव के चलते पीएम मोदी देश में जगह-जगह रैलियां कर रहे हैं। हाल ही में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने गांधी परिवार से लेकर राम मंदिर, रोजगार और मुस्लिमों तक पर खुलकर अपनी बात रखी है। लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। विपक्ष मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है कि रोजगार मिलना तो दूर रोजगार लोगों के छिन गए। यही नहीं इन दलों का आरोप है कि मोदी सरकार अपनी विफलता छुपाने के लिए रोजगार के आंकड़े जारी नहीं कर रही है। इन सभी आरोपों पर पीएम मोदी ने कहा 'मुद्रा योजना के अंदर 17 करोड़ लोगों को बिना गारंटी लोन मिला। उसमें से चार करोड़ 25 लाख लोग ऐसे हैं जिनको पहली बार लोन मिला है। इसका मतलब है कि उस पैसों से उसने कारोबार शुरू किया है। उसने कारोबार शुरू किया है तो किसी एक दो लोगों को और उसने काम दिया है। आप इसको रोजगार मानेंगे कि नहीं मानेंगे?'

अपनी बात को आगे जारी रखते हुए पीएम मोदी ने कहा अभी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने एक रिपोर्ट दी है। MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के अंदर करोड़ों की तादाद में रोजगार का है, मोटा मोटा शायद 6 करोड़ लोगों का है कि MSME में मिला है। 85 पर्सेंट करीब करीब इन-फॉर्मल सेक्टर है। फॉर्मल सेक्टर में 10-15 पर्सेंट है। उसमें भी आप देखिए हमारी पेंशन स्कीम होती है कि जो सरकार की पेंशन स्कीम में जुड़ता है तो वो अपना पैसा जमा करता है। 55 लाख लोगों ने इसमें जमा किया है। बिना रोजगार कैसे हुआ होगा? अब मुझे बताइए पहले से डबल रोड बन रहे हैं। बिना रोजगार ही ये बन जाता होगा क्या? पहले से डबल रेल बन रही है। बिना रोजगार बन जाती होगी क्या? पहले से ज्यादा एयरपोर्ट काम कर रहे हैं। बिना रोजगार ही करते होंगे क्या? मैं ये समझ नहीं पाता हूं हमारे देश में व्हीकल जितने खरीदे गए, उस व्हीकल में कोई जॉब पीरियड होता होगा कि नहीं होता होगा? व्हीकल रिपेयरिंग करने वाली दुनिया में जॉब क्रिएट होता होगा कि नहीं होता होगा? आप किसी चीज को मानने को ही तैयार नहीं हो?