राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कही यह बात...

सोमवार को पीरमुहानी में जनसभा संबोधित करते हुए बिहार की पटना साहिब सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा ये चुनाव किसी राजनैतिक दलों के बीच नहीं, बल्कि देश के स्वाभिमान और सांप्रदायिक ताकतों के बीच है। आज देश में एक सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के गांधी मूर्ति चौराहा, पुनाईचक पर आयोजित जनसभा को भी संबोधित किया। शत्रुघ्न ने कहा कि 'वन मैन शो टू मैन आर्मी' के तानाशाही शासन के विरुद्ध देश व प्रदेश में जो बदलाव का बहार दिख रहा है तो मैं कह सकता हूं कि 'परिवर्तन' आना तय है। इस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी तारीफ की। कहा कि राहुल गांधी ने पिछले वर्ष पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व को प्रदर्शित किया वो...प्रशंसनीय, सराहनीय औरअनुकरणीय है।

पटना साहिब : लगातार 2 बार आसानी से जीते शत्रुघ्न सिन्हा के लिए इस बार है कड़ी चुनौती

2009 और 2014 के चुनावों में पटना की पटना साहिब सीट से जीते फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के लिए 2019 की राह थोड़ी कठिन नजर आ रही है। कभी भाजपा के लिए सीट निकालने वाले शत्रुघ्न सिन्हा इस बार कांग्रेस का हाथ थामकर मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के राज्यसभा सांसद व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से है। राज्य की यह इकलौती सीट है जहां दोनों प्रमुख दलों ने कायस्थ उम्मीदवार को टिकट दिया है।

पटना साहिब लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा है। यहां कायस्थों के बाद यादव और राजपूत वोटरों का बोलबाला है। पिछले दो लोकसभा चुनावों से पटना साहिब सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नंबर दो रहे हैं। ऐसे में महागठबंधन के तहत ये सीट कांग्रेस के खाते में गई है। दिलचस्प बात ये है कि शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) और रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) दोनों कायस्थ बिरादरी से आते हैं। शत्रुघ्न (Shatrughan Sinha) दो बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं और इसका लाभ उन्हें मिल सकता है। रविशंकर प्रसाद पहली बार इस सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे इसलिए उनके लिए यहां चुनौतियां ज्यादा होंगी। कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में आने से शत्रुघ्न को महागठबंधन के तहत यादव, मुस्लिम, दलित मतों का समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा कायस्थ के वोटों में भी शत्रुघ्न सेंधमारी कर सकते हैं।

क्या है दोनों के दावें और वादें


रविशंकर के दावे :
मंत्री रहते अलावलपुर, करनौती जैसे पटना जिले के ही 31 गांवों को डिजिटल विलेज में तब्दील किया है। गांव वाले मुझे डिजिटल भैया कहते हैं। कानून मंत्री रहते तीन तलाक से जुड़े बिल को ही पारित नहीं कराया 1400 पुराने कानूनों को निरस्त भी कराया।

वादे : घर-घर पाइप से रसोई गैस की आपूर्ति, बड़े नालों को अंडरग्राउंड करना। मेट्रो के काम को गति देना।

शत्रुघ्न सिन्हा के दावे : हमने एम्स दिया, गायघाट में अंतर्देशीय जल परिवहन, हीमोफीलिया अस्पताल आदि दिया। सांसद निधि का पाई-पाई ही खर्च नहीं किया- हेमामालिनी और रेखा जी से भी फंड मांग कर यहां काम करवाया। लड़ाई सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन की है।

वादे : पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विवि का दर्जा दिलाना। पटना क्लास वन सिटी बनाना।