लोकसभा चुनाव 2019 - वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला प्रियंका गांधी का है : सैम पित्रोदा

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी की सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से नामांकन दाखिल किया। गुरुवार को पीएम मोदी ने रोड शो के जरिए अपनी पूरी ताकत दिखाई। ‘गंगा आरती’ के बाद जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बीते पांच साल उनकी सरकार के ईमानदार प्रयासों के थे और अगला पांच साल इसके नतीजों का होगा। उन्होंने कहा, नया भारत आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देता है। पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पुलवामा में हमारे 40 जवानों को शहीद किया, हमने उनके इलाके में 42 आतंकवादियों को मार गिराया।’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के काम करने का यही तरीका है। मोदी ने कहा कि विश्व अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन कर रहा है। मोदी ने हाल में श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का उल्लेख करते हुए कहा कि ईस्टर पर प्रार्थना कर रहे बेकसूर लोगों ने घटना में अपनी जानें गंवायी।

वाराणसी लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी की संभावित उम्मीदवारी को लेकर भी बाजार गर्म रहा। प्रियंका खुद कई मौके पर बोल चुकी थी कि अगर पार्टी कहेगी तो वह यहां से चुनाव लड़ेगी। लेकिन उनके नाम की घोषणा नहीं हुई। इस सबके बीच गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने इस बात का खुलासा किया कि वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला खुद प्रियंका गांधी का था। मीडिया से बात करते हुए पित्रोदा ने कहा, 'वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला प्रियंका गांधी का था। उनके पास दूसरी जिम्मेदारी है। किसी एक सीट पर ध्यान केंद्रित करने से अच्छा जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है उस पर फोकस करने का उन्होंने सोचा। इसलिए यह निर्णय उनका था और उन्होंने यह निर्णय लिया।'

कई बार मीडिया में खबर आई थी कि प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ने जा रही हैं। लेकिन पार्टी ने गुरुवार को अपने पुराने प्रत्याशी अजय राय पर ही भरोसा जताया और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा। ज्ञात हो कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी है।

प्रियंका गांधी के वाराणसी से ना लड़ने पर जेटली का तंज, कहा - हवा निकल गई

हालाकि प्रियंका के इस फैसले के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है। गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ''प्रियंका के आने से सब बदल जाएगा'', वाले मिथक की हवा निकल गई है। जाहिरा तौर पर, वह मुकाबले से चुपचाप बाहर हो गयीं। प्रियंका को वाराणसी से नहीं उतारने के कांग्रेस के निर्णय से मैं बुरी तरह निराश हुआ हूं। जेटली ने ट्विटर पर वीडियो संदेश में कहा कि आज का नया भारत वंशवाद को खारिज कर उपलब्धियों में विश्वास करता है। ‘हमारा परिवार’ में प्रियंका गांधी का जुनून कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। वित्त मंत्री ने कहा, 'चुपचाप, चोरी के साथ एक अन्य व्यक्ति को कांग्रेस पार्टी ने वाराणसी में प्रधानमंत्री जी के खिलाफ उतार दिया। दो सप्ताह से अपने परिवार का गुणगान करते हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कह रहे थे कि प्रियंका लड़ेगी। वो भी कहती थी कि मैं तैयार हूं। मैं तो ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था कि ये मुकाबला एक बार हो जाए। ये मुट्ठी भी खुल जाए और नया भारत इसको साबित कर दे कि वो अब वंशवाद को नहीं मानता। जो काम करते हैं, जो प्रदर्शन है केवल उनको स्वीकार करता है, इसका ये ऐतिहासिक मौका था। आखिरी समय में डर जाना और इस मुकाबले से दूर भाग जाना, ये आज कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने किया है। ये आज उनकी नैतिक हार है। भाई ने वायनाड जाकर शरण ले ली, बहन ने भागकर कहीं और शरण ले ली। चुनाव का परिणाम किस दिशा में जाएगा, इससे अपने आप ही स्पष्ट हो जाता है।'