राहुल ने लिया वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला तो केरल के पूर्व CM ने कहा - 'अमूल बेबी' कहा था, जो आज साबित हो गया

केरल से लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर कुछ राजनीतिक पार्टियां लगातार उनकी आलोचना कर रही हैं। इसी कड़ी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता वी. एस.अच्युतानंदन (Achuthanandan) ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पहले राहुल गांधी को जो 'अमूल बेबी (Amul Baby)' कहा था, वह बात आज भी वैसी ही लागू होती है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए राहुल और कांग्रेस दोनों पर जमकर हमला किया है। उन्होंने कहा अप्रैल 2011 में मैंने राहुल गांधी को जब 'अमूल बेबी (Amul Baby)' कहा था, तो यह बिना वजह नहीं था। अच्युतानंदन (Achuthanandan) ने लिखा 'कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी उनकी सबसे बड़ी दुश्मन है। लेकिन अब क्या होगा वो हमारे और बीजेपी दोनों के खिलाफ चुवान लड़ेंगे। मैंने राहुल को पहले भी 'अमूल बेबी (Amul Baby)' कहा है और एक बार फिर से कह रहा हूं क्योंकि वो बिना सोचे समझे कोई फैसला कर लेते हैं। हमारी पार्टी अब राहुल और बीजेपी दोनों के खिलाफ लड़ेगी।'

उन्होंने कहा, 'आज, जब वह (राहुल) अधेड़ उम्र के हो रहे हैं, उनका बचपना जारी है और वह भी ऐसे समय में जब देश भयावह भाजपा के रूप में सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहा है। इस समय जरूत इनसे लड़ने की है।'

अच्युतानंदन (Achuthanandan) ने लिखा, 'लेकिन, धर्मनिरपेक्ष दलों से हाथ मिलाने के बजाए गांधी, जिनकी बात कांग्रेस में अंतिम मानी जाती है, ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी से हाथ नहीं मिलाया और यहां दक्षिण में, जहां माकपा, भाजपा से मुकाबला कर रही है, उन्होंने (राहुल ने) वाम मोर्चा से लड़ने का फैसला किया और वायनाड घाट रोड को चुनाव लड़ने के लिए पकड़ा।'

उन्होंने कहा, 'यह तो वैसे ही है कि उसी पेड़ की शाख को काटना जिस पर आप बैठे हैं। इसीलिए मुझे लगता है कि मैंने उनके (राहुल के) बारे में सालों पहले जो कहा था (अमूल बेबी), वह आज भी वैसे ही लागू होता है।'

बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब वीएस अच्युतानंदन ने राहुल को 'अमूल बेबी' कहा है। साल 2011 में भी उन्होंने ये कह कर राहुल गांधी का मज़ाक उड़ाया था। तब उनके इस बयान को लेकर जम कर हंगामा हुआ था।

बता दें कि इस बार राहुल गांधी दो जगह से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अमेठी के अलावा वो केरल के वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस का तर्क है कि भले ही ये सीट केरल में आती हो लेकिन तमिलनाडु और कर्नाटक के बॉर्डर पर होने के चलते तीनों राज्यों में उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी।

वायनाड सीट 2008 परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई है। यहां करीब आठ लाख वोटर्स हैं। इस सीट पर कांग्रेस नीत यूडीएफ और लेफ्ट की एलडीएफ के बीच ही मुकाबला होता रहा है। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में यहां कांग्रेस ही जीती थी। कांग्रेस के एमआई शानव ने 2009 में करीब 50% वोट हासिल किए थे, जबकि 2014 के चुनावों में भी उन्हें 41% से ज्यादा वोट हासिल हुए थे। इस सीट पर दो बार से सीपीएम कैंडिडेट की हार हो रही है।

वायनाड सीट में हिंदू आबादी 49.7 प्रतिशत है। ईसाई और इस्लाम को मानने वालों की आबादी भी करीब-करीब इतनी ही है। यहां ईसाई 21.5 और मुस्लिम 28.5 प्रतिशत हैं। खास बात ये है कि इस सीट की हिंदू आबादी में दलितों की खासी आबादी है। कुल वोटरों की तादाद 13 लाख, 25 हजार 788 है।