5 साल में दोगुने हुए डेबिट कार्ड्स लेकिन ATM में हुई सिर्फ 20% की बढ़ोतरी

फरवरी 2019 तक देश में 94 करोड़ डेबिट कार्ड हो गए, जबकि 2014 में इसकी इनकी संख्या 42 करोड़ थी। लेकिन एटीएम की संख्या महज 20% इजाफे के साथ 1.70 लाख से बढ़कर 2.02 लाख हुई है। चलन में नकदी बढ़कर 21.36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है तो बैंकों का एटीएम नेटवर्क पिछले साल के 2.06 लाख से घटकर 2.02 लाख रह गया है। खींचतान इस बात को लेकर है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से जारी सुरक्षा मानकों के लिए अतिरिक्त खर्च का वहन कौन करेगा। एक बड़े सरकारी बैंक ने नई मशीनों के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन ट्रांजैक्शन पूरा नहीं हुआ, क्योंकि इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि बढ़ खर्च का वहन कौन करेगा। दरहसल, पिछले साल आरबीआई ने नकदी ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके तहत कहा गया था कि 'नकदी वाहनों' में जीपीएस और हथियारबंद गार्ड्स जैसे कई सुरक्षा इंतजाम किए जाएं। वाहन में नकदी ले जाने की सीमा भी तय कर दी गई।

यह भी कहा गया था कि बैंक 'कैसेट स्वैप' सिस्टम को अपनाएं, जिसमें नकदी मैटल के कनस्तरों होगी और इसे एटीएम में डायरेक्ट लोड कर दिया जाएगा। कैश लोडर्स के पास नकदी तक पहुंच नहीं होगी। बैंकों को 2021 तक सभी मशीनों को अपग्रेड करने को कहा गया है।

व्यावहारिक मॉडल की जरूरत

कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (CATMi) के डायरेक्टर और यूरोनेट वर्ल्डवाइड के रीजनल एमडी हिमांशु पुजारा ने कहा, 'हम एटीएम डिवेलपमेंट केवल कुछ पॉकेट्स में देख रहे हैं। स्पष्ट तौर पर डिमांड है। एक व्यावहारिक मॉडल बनाने की जरूरत है। अतिरिक्त खर्च को यदि ऊंचे इंटरचेंज (एटीएम इस्तेमाल करने वाले बैंक के द्वारा एटीएम लगाने वाले बैंक को दिए जाने वाला शुल्क) के जरिए नहीं उठाया जाता तो बैंकों को इसे वहन करना होगा।

लागत को बढ़ने से रोकने में जुटे बैंक समान सेवा के लिए अतिरिक्त खर्च को तैयार नहीं है। कैश लॉजिलिस्टिक्स कंपनियां हर महीने प्रति एटीएम 4,900 रुपये अतिरिक्त मांग रही हैं।

इंटरचेंज बढ़ाने की तैयारी

एक बैंकर ने कहा, 'रिजर्व बैंक ने कई नए बैंकों को लाइसेंस दिए हैं, लेकिन उनमें से कई मौजूदा नेटवर्क के ही भरोसे हैं क्योंकि इंटरचेंज चुकाना अपना नेटवर्क बनाने से सस्ता है।' रिजर्व बैंक इंटरचेंज के मुद्दे को देख रहा है। हाल ही में नैशनल पेंमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने बैठक भी बुलाई थी। इंटरचेंज को प्रति ट्रांजैक्शन 15 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये किया जा सकता है।