उत्तराखंड में बारिश बनी काल, अब तक 8 की मौत, जनजीवन ठप

उत्‍तराखंड में बारिश कहर बनकर बरस रही है। 72 घंटे की तबाही के बाद अभी तक 8 लोगों के मरने की खबरें हैं। अल्‍मोड़ा जिले में बारिश से भिकियासैंण तहसील के रापड गांव में पहाड़ी से मलबा आने के कारण एक मकान ध्‍वस्‍त हो गया। हादसे में 3 जमींदोज हो गए। कुछ लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई। एसडीआरएफ की टीम मौके पर रेस्क्यू कर रही है। वहीं अल्‍मोड़ा में हीरा डूंगरी जगह पर एक मकान की दीवार गिर गयी। हादसे में एक किशोरी की दबकर मौत हो गई। 10 मकान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।

मंगलवार की तड़के भिकियासैंण के रापड गांव में मूसलधार बारिश से 2 बजे के करीब आनंद सिंह नेगी पुत्र मदन सिंह नेगी उम्र 60 वर्ष के मकान पर पहाड़ी से मलबा आ गिर। वह कुछ समझ पाते तब तक मलबे से मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

आनंद सिंह नेगी की पत्नी उषा उम्र 55 वर्ष ने भागकर जान बचाई। जबकि आनंद सिंह नेगी व उनके बड़े भाई गोवर्धन सिंह की लड़की के दो बच्चे तन्नू पुत्र मदन सिंह 12 वर्ष व किरन पुत्री मदन सिंह उम्र 16 वर्ष के दो किशोर मलबे में दब गए। वह कुछ समय से नाना आनंद सिंह के यहां रह रहे थे। घटना के बाद एसडीआरएफ, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची।

रात होने के कारण रेस्‍क्‍यू में खासी दिक्कतें आईं। राहत बचाव कार्य अब भी जारी है। तेज बारिश के कारण पुनः मलबा आने की आशंका के कारण रेस्क्यू कार्य बाधित हो रहा है। एसडीआरएफ से संपर्क कर मदद मांगी गई है।

धौलादेवी के पास चीड़ का पेड़ गिरने से रोड अवरुद्ध हो गया था जिसे काटकर आवागमन हेतु चालू किया। यहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। होटल कलावती रिट्रीट गनियाद्योली रानीखेत में मलबा आने पर रानीखेत पुलिस द्वारा यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है।

अल्‍मोड़ा में हीरा डूंगरी जगह पर एक मकान की दीवार गिर गयी। जिससे एक किशोरी अरूमा सिंह पुत्री त्रिलोक सिंह मलबे में दब गई। पुलिस ने 15 मिनट में रेस्क्यू कर उसे निकाला। गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाये। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि चार लोगों की मौत हो गई है। राहत व बचाव कार्य जारी है। सड़कें सुचारु करने का कार्य जारी है।

पौड़ी के लैंसडाउन में भूस्खलन के कारण एक नेपाली परिवार के 3 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, चंपावत ज़िले में इसी तरह की दुर्घटना में दो और रुद्रप्रयाग ज़िले में कानपुर से पहुंचे एक पर्यटक की मौत की खबरें हैं।

भूस्खलन और भारी बारिश के चलते जगह जगह रास्ते बंद हो गए हैं और चार धाम यात्रा रोकी जा चुकी है। इन हालात के बीच, ताज़ा खबरें कई इलाकों से आ रही हैं, जो​ चिंताजनक हैं।

मूसलाधार बारिश का नैनीताल में जनजीवन पर असर पड़ा है। नैनीताल में बारिश के चलते 9 सड़कें बंद हो गई हैं, तो नैनीताल भवाली, कालाढुंगी नैनीताल सड़क मलबा आने से बंद है।

नैनीताल हल्द्वानी सड़क भी मलबा आने से बाधित है। ज़िला प्रशासन की अपील के बाद भी सड़कों पर जाम की स्थिति है तो कई पर्यटक वापस लौट रहे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है। सड़कों पर जाम के चलते जेसीबी मशीनें के फंस जाने से सड़क खोलने में देर लग रही है।

बारिश के बाद, बिजली, पानी, इंटरनेट सेवाओं पर बुरी तरह असर पड़ा है। रामनगर में कोसी का जलस्तर 1 लाख 14 हज़ार 325 क्यूसेक बताया जा रहा है और अभी और बढ़ने की आशंका है। मोहान और ढिकुली के कई रिसॉर्ट्स में पानी घुस गया है जबकि कोसी नदी से लगे रिसॉर्ट्स को खाली करवाया गया है।

पुलिस लोगों की सुरक्षा को लेकर आगे आयी है। सभी चौकी, थाने के पुलिस कर्मी राहत कार्यों में लगे है। किसी भी अप्रिय घटना होने पर वह सहायता में जुट गए है। भारी बारिश के कारण अल्मोड़ा जिले की गगास, कोसी, रामगंगा नदियां उफान पर हैं। कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।