नई दिल्ली। जेडीयू की बैठक को लेकर बीते दिनों से जो अटकलें चल रही थीं। वो सच साबित हो गई हैं। आज दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश की मौजूदगी में ललन सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषण कर दी है। अब एक बार फिर से नीतीश कुमार जेडीयू की कमान संभालेंगे। इस्तीफा देने के दौरान ललन सिंह ने कहा कि चुनाव में अपनी व्यस्तता के चलते मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। सूत्रों के अनुसार ललन सिंह ने नए अध्यक्ष पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा है और इसी पर मुहर लगेगी। शाम 5 बजे जेडीयू के नए अध्यक्ष पद की घोषणा होगी। बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने ललन सिंह को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माने। मैं उनका इस्तीफा स्वीकार करता हूं। ललन सिंह से पहले जेडीयू अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह थे हालांकि जब उन्हें नीतीश कुमार ने राज्यसभा नहीं भेजा, उसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।
इससे पहले सीएम नीतीश और ललन सिंह एक साथ, एक गाड़ी से बैठक में पहुंचे थे। मीटिंग में पहुंचने से पहले ललन सिंह नीतीश के आवास पर मुलाकात करने पहुंचे थे। इस दौरान आधे घंटे तक बैठक चली।
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कांस्टीट्यूशन क्लब में हो रही है। कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ है। कार्यकर्ता नारे लगा रहे हैं, “देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो।”
ललन सिंह के इस्तीफे पर बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “जेडी (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। अगर वे हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो नीतीश कुमार पार्टी अध्यक्ष होंगे। ललन सिंह ने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि वह चुनाव में व्यस्त रहेंगे, इसलिए वह पार्टी अध्यक्ष का पद उन्हें सौंपना चाहते हैं और नीतीश कुमार ने इसे स्वीकार कर लिया है।”
सबसे पहले पार्टी की कमान संभालने वाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार 2016 में शरद यादव की जगह पार्टी अध्यक्ष बने थे। उन्होंने 2020 में पद छोड़ दिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को कमान सौंप दी। जिसके बाद 2022 में ललन सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश कुमार से पार्टी और राष्ट्र के व्यापक हित में पार्टी की कमान संभालने का अनुरोध किया था। जिसे सभी ने तय किया था।
नीतीश कुमार के जदयू की कमान संभालने को गठबंधन के नेताओं के साथ-साथ राजद के लिए भी एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। उन्हें एक कठिन सौदेबाज के रूप में जाना जाता है और ग्रैंड अलायंस में सीट बंटवारे का काम आसान नहीं होगा।
वहीं ललन सिंह के इस्तीफे पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ललन सिंह ने स्वयं कहा कि चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें लगातार बाहर रहना होगा। इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाले। दोनों के बीच कोई कड़वाहट नहीं है। इससे पहले ललन सिहं के इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन खुद ललन सिंह ने इस्तीफे की खबरों को खारिज किया था। वहीं सीएम नीतीश ने भी जेडीयू की इस बैठक को रूटीन मीटिंग करार दिया था।
वहीं आरएलजेडी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के कमान संभालने से जेडीयू को कोई बड़ा फायदा होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि पार्टी का काफी नुकसान पहले ही हो चुका है। वो जेडीयू को थोड़ी मजबूती दे सकते हैं।
जेडीयू में बड़े परिवर्तन के संकेत तभी मिलने लगे थे। जब हाल ही में नीतीश कुमार ने ललन सिंह के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। और फिर बैठक से एक दिन पहले दिल्ली के जेडीयू कार्यालय के बाहर नीतीश कुमार के नए पोस्टर लगे थे। जिसमें लिखा प्रदेश ने पहचाना, अब देश भी पहचानेगा। आज भी दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब के बाहर भी नीतीश के पोस्टर लगे थे। जिसमें लिखा था कि गठबंधन को जीत चाहिए तो चेहरा नीतीश चाहिए।
नीतीश को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की वकालत कर रहे जेडीयू के कई नेता
जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की वकालत कर रहे हैं, जबकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम को पीएम उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाया है।