शाह संग बैठक: कल सरकार के साथ होने वाली छठवें राउंड की बातचीत टली; कृषि कानून वापस लेने से इनकार

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल जारी है।​​​ वहीं, इस बीच आज पहली बार गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को किसान नेताओं से मुलाकात की।​​​ सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने से इनकार कर दिया है।​​​ यह बैठक ICAR भवन में हुई।​​​ इस बैठक में 13 किसान नेता पहुंचे। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार कल प्रस्ताव देगी।​​​ गृह मंत्री ने लिखित में प्रस्ताव देने की बात कही है।​​​ प्रस्ताव पर किसान विचार करेंगे।​​​ किसान नेता हनन मुला ने कहा कि संशोधन के लिए सरकार लिखित प्रस्ताव देगी।​​​ यानी कि आज की बैठक भी बेनतीजा रही है।​​​ हनन मुला ने ये भी कहा कि कल सरकार के साथ होने वाली बैठक नहीं होगी।​​​ वहीं, कल सुबह केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है।

बैठक से पहले किसानों का कहा था कि कोई बीच का रास्ता नहीं है। हमें गृह मंत्री से हां या ना में जवाब चाहिए। टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने कहा था कि कानून वापसी से कम कुछ मंजूर ही नहीं है।

शाह से बातचीत के इस तरह खुले रास्ते, पर अभी तय कुछ नहीं

- भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत ने कल सिंघू बॉर्डर पर पंजाब की किसान यूनियनों के नेताओं से मुलाकात की थी।
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शाम 13 किसान नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें टिकैत भी शामिल हैं।
- सूत्रों के मुताबिक राकेश टिकैत बैक चैनल से सरकार से वार्ता कर रहे थे। हालांकि, सार्वजनिक बयानों में वो यही कहते रहे थे कि किसान संगठन जो फैसला लेंगे, उसमें वो साथ हैं और जब तक कानून वापस नहीं होंगे तब तक वो गाजीपुर बॉर्डर पर टिके रहेंगे।
- हालांकि, पर्दे के पीछे से कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिशें जारी थीं। इस मुलाकात को इन्हीं कोशिशों के नतीजे में देखा जा रहा है।
- पंजाब की किसान यूनियनों से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, कल यानी बुधवार को होने वाली वार्ता से पहले केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक के प्रस्ताव का पांच किसान यूनियनों ने विरोध किया था, लेकिन फिर सभी यूनियन इस बात पर सहमत हो गईं कि किसानों को सरकार का प्रस्ताव कम से कम सुनना तो चाहिए ही।

- गृहमंत्री से मुलाकात करने गए किसान नेता मुलाकात के बाद आज रात दस बजे फिर सिंघू बॉर्डर पहुंचेंगे और किसान नेताओं की अहम बैठक होगी। इसमें गृहमंत्री का प्रस्ताव सुनाया जाएगा और चर्चा की जाएगी।
- टीकरी बॉर्डर पर मौजूद कई लोगों से हमने बात की। उनका कहना था कि वो तीनों कानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात पर मानने वाले नहीं हैं।
- हरियाणा के एक किसान संगठन से जुड़े एक कार्यकर्ता का कहना था,'जो यूनियन नेता सरकार से समझौता करेगा जनता उसे बख्शेगी नहीं।'
- एक नेता ने कहा, 'यूनियन के नेता जनता के गुस्से को समझ रहे हैं और जानते हैं कि जो नेता सरकार से समझौता करेगा उसे हटा दिया जाएगा।'
- केंद्र सरकार की ओर से किसानों की मांगों को मानने का कोई संकेत नहीं दिया गया है।