लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के 100 विधायक लाकर सरकार बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मौर्य ने तीखे जवाब में कहा, जनता और कार्यकर्ता 2027 में मानसून ऑफर को लपेट लेंगे। यह डूबता जहाज और खत्म होती पार्टी है जिसका वर्तमान और भविष्य खतरे में है। वह सपने देख सकते हैं, लेकिन वे सच नहीं होंगे। 2027 में हम 2017 को दोहराएंगे और फिर से भाजपा की सरकार बनाएंगे।
हाल ही में एक ट्वीट में अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को सरकार बनाने में समर्थन देने के लिए 100 विधायकों को लाने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में भाजपा के भीतर बढ़ते तनाव के बीच आया है। यादव की टिप्पणी का उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके डिप्टी मौर्य के बीच कथित दरार का फायदा उठाना था।
महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने भी केशव प्रसाद मौर्य की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा पिछड़े और दलित नेताओं को तभी प्रमुख पदों पर रखती है, जब वे अधीनता स्वीकार करते हैं। केशव देव मौर्य ने पहले समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन ऐसा लगता है कि वे अखिलेश यादव के प्रति अपने रुख में नरमी ला रहे हैं।
इस आदान-प्रदान में अगले चुनावों से पहले बदलते राजनीतिक गठबंधन और रणनीतिक रुख पर प्रकाश डाला गया है। केशव देव मौर्य की हालिया टिप्पणियों से संभावित पुनर्संयोजन का संकेत मिलता है क्योंकि पार्टियां आगामी चुनावी लड़ाई के लिए तैयार हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान, महान दल ने भारत गठबंधन के भीतर सीटों की मांग की, जिसे अखिलेश यादव ने अस्वीकार कर दिया, जिसके कारण पार्टी में फूट पड़ गई और महान दल ने भाजपा को समर्थन दे दिया। हालांकि, हाल के बयानों से महान दल और समाजवादी पार्टी के बीच संबंधों में संभावित नरमी का संकेत मिलता है।
अखिलेश यादव का ट्वीट योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच कथित कलह पर
कटाक्ष के रूप में आया, जिसमें सरकार बनाने के लिए 100 विधायकों को लाने के लिए 'मानसून ऑफर' का प्रस्ताव रखा गया। राजनीतिक पैंतरेबाजी ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में चल रहे सत्ता के खेल को उजागर किया।