कश्मीर में तनाव, घाटी में फंसे अमरनाथ तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट करेगी वायुसेना

सेना ने अमरनाथ यात्रा मार्ग के पास शुक्रवार को आतंकियों के ठिकाने से पाकिस्तान में बनी बारूदी सुरंग (लैंडमाइन) और अमेरिकी स्नाइपर गन मिलने का खुलासा किया था। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को कश्मीर से जल्द वापस लौटने की सलाह दी थी। इसके बाद सरकार ने वायुसेना से घाटी में फंसे यात्रियों को एयरलिफ्ट करने की अपील की। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। वायुसेना के सी-17 ग्लोबलमास्टर विमान से यात्रियों को एयरलिफ्ट कर जम्मू, पठानकोट या दिल्ली तक लाया जाएगा। ताकि यहां से वे अपने-अपने घर जा सकें। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यात्रियों को लाने के लिए पहला ग्लोबमास्टर रवाना हो चुका है। इस विमान में एक बार में 230 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा सकता है।

किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर अंगरेज सिंह राणा ने बताया कि शनिवार को सुरक्षा कारणों से जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 43 दिन तक चलने वाली माछिल माता यात्रा भी स्थगित कर दी गई। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे यात्रा जारी न रखें। साथ ही जो इसके लिए निकल चुके हैं, वे भी वापस आने की तैयारी कर लें।

बता दे, देशभर से हजारों लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए घाटी पहुंचते हैं। यह स्थान नीली खदानों के लिए भी प्रसिद्ध है। तीर्थयात्री इस यात्रा को पूरी करने के लिए 30 किमी लंबा रास्ता तय करते हैं। मां दुर्गा की पूजा के लिए किश्तवाड़ के माछिल गांव आते हैं। यह यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई और 5 सितंबर को खत्म होनी थी।

खुफिया जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर घाटी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची है। आतंकियों के निशाने पर तीर्थयात्रियों और सुरक्षा बल के जवान हैं। कश्मीर घाटी के पुंछ के शाहपुर सेक्टर से सटे सीमा के उस पार पीओके के नेजा पीर सेक्टर में टेरर लॉन्च पैड में आतंकी तैयार बैठे हैं।