पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास, सिद्धू बोले- मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे, 70 साल का इंतजार हुआ खत्म

पाकिस्तान में बुधवार को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की आधारशिला रखी गई। भारत की ओर गलियारे के लिए सोमवार को उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आधारशिला रखी थी। इस दौरान भारत की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर और नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे। पाकिस्तान में होने वाले समारोह के लिए नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को ही यहां पहुंच चुके हैं। भारत सरकार ने कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी को भेजा है। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

-​ नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के लिए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को धन्यवाद दिया और कहा कि इमरान खान ने 70 साल का इंतजार खत्म किया है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे। सिद्धू ने कहा कि सभी को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, तभी शांति कायम होगी। उन्होंने कहा कि अब खून-खराबा बंद होना चाहिए, दोस्ती का पैगाम आगे बढ़ना चाहिए। अब तक बहुत नुकसान हो गया है।

- सिद्धू ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर दोनों देशों के लोगों के बीच में संपर्क बढ़ाएगा, जो संपर्क टूटा हुआ था वो अब दोबारा जुड़ रहा है। जब भी करतारपुर कॉरिडोर का इतिहास लिखा जाएगा तो इमरान खान का नाम पहले पन्ने पर लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बंटवारे के दौरान दो पंजाब टूट गए थे, आज इमरान जैसी कोई चाबी आनी चाहिए कि इन्हें जोड़ना चाहिए।

माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है। सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी। करतारपुर गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे। इस गलियारे के छह महीने के भीतर बनकर तैयार होने की उम्मीद है।

हरसिमरत कौर बादल ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज हमारी कौम के लिए ऐतिहासिक दिन है, हर सिख की यही मांग थी। जो 70 साल नहीं हो पाया, वो अब पूरा हुआ है। जिसके हाथ में सेवा लिखी थी, उसी के हाथों ये काम पूरा हुआ है। गुरु नानक साहब ने अपना आखिरी समय आपकी धरती पर बिताया, लेकिन 4 किमी। का ये फासला पूरा करने में 70 साल लग गए। उन्होंने कहा कि यहां मेरा कोई दोस्त, कोई जानने वाला नहीं लेकिन एक सिख होने के नाते मेरी अरदास पूरी हुई है। हरसिमरत बादल अपनी बात कहते हुए भावुक हुईं। हमारी पार्टी 7 महीने से इस मांग को पूरा करने में लगे थे, हमारी कैबिनेट ने इसका फैसला लिया और आज ये सपना पूरा हो रहा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने करतारपुर के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को इस्लामाबाद में मीडिया को कहा कि करतारपुर सीमा का खुलना अल्पसंख्यकों के कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दि्वपक्षीय बातचीत और करतारपुर कॉरिडोर दोनों अलग-अलग हैं। भारत सरकार पिछले 20 साल से इस कॉरिडोर के बारे में पाकिस्तान से बातचीत कर रही है। पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक जवाब दिया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दि्वपक्षीय बातचीत शुरू हो जाएगी। हम हमेशा कहते आ रहे है कि आतंकी और बातचीत साथ नहीं चल सकतीं। पाकिस्तान को पहले आतंकी गतिविधियों को रोकना होगा, उसके बाद बातचीत शुरू होगी।'