कोरोना के इस कहर पर लगाम लगाने के लिए वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से चलाया जा रहा हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने की कोशिश की जा रही हैं। लेकिन अभी भी कई लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां फैली हुई हैं और वे वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे है। इसका एक नजारा देखने को मिला कर्नाटक के याडगिर जिले में जहां गांवों में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम टीका लगाने पहुंची तो उन्हें देखकर लोगों ने दरवाजे बंद कर लिए।
जानकारी के अनुसार कर्नाटक के याडगिर जिले के कंचागढ़हली गांव में स्वास्थ्यकर्मी और आशा वर्कर लोगों को टीका लगाने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें देखकर लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। इसके बाद टीम ने लोगों के घरों की बेल बजाई लेकिन फिर भी दरवाजे नहीं खुले। याडगिर की जिला स्वास्थ्य अधिकारी इंदुमती पाटिल के अनुसार, 'यहां लोगों के बीच गलत धारणा फैली हुई है कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग बीमार हो जाते हैं। इसलिए लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। हम लोगों के घरों तक गए, लेकिन उन्होंने दरवाजे बंद कर लिए। इसलिए हमने तय किया कि जहां भी वे लोग होंगे हम वहां टीकाकरण करेंगे।'उन्होंने बताया, 'हमने महात्मा गांधी नेशनल रूरल इंप्लॉयमेंट गारंटी स्कीम (मनरेगा) के तहत पंजीकृत लोगों की जानकारी जुटाई और खेतों व अन्य कार्यस्थलों पर जाकर लोगों को टीका लगाना शुरू किया। अफसरों के मुताबिक पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत काम कर चुकी टीम को दोपहिया वाहनों पर टीका ले जाने का अनुभव था। ऐसे में टीम ने हर उस जगह पर जाकर टीका लगाया जहां लोग मौजूद थे।