बेंगलूरू। कर्नाटक उच्च न्यायालय आज पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की नाबालिग के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित आरोपों को खारिज करने की याचिका पर सुनवाई करेगा। साथ ही, उच्च न्यायालय उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर भी विचार करेगा।
हाल ही में, कर्नाटक पुलिस ने येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 के तहत आरोप पत्र दायर किया। आपराधिक जांच विभाग (CID) द्वारा दायर आरोप पत्र में POCSO अधिनियम की धारा 8 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354A (यौन उत्पीड़न) के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं।
इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए सीआईडी को निर्देश दिया था कि वे येदियुरप्पा को पोक्सो अदालत द्वारा जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार न करें, क्योंकि इससे उनकी प्रमुख स्थिति पर जोर पड़ता है। यह मामला मार्च में पीड़िता की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से उपजा है, जिसमें फरवरी में येदियुरप्पा के आवास पर हुई एक घटना का आरोप लगाया गया है।
येदियुरप्पा ने आरोपों को निराधार बताते हुए उनका जोरदार खंडन किया है। उन्होंने कानूनी माध्यमों से आरोपों का मुकाबला करने का संकल्प लिया है। दुखद बात यह है कि पीड़िता की मां, जिन्होंने इस मामले की शुरुआत की थी,
पिछले महीने फेफड़ों के कैंसर के कारण चल बसीं।
यह घटनाक्रम वरिष्ठ भाजपा नेता से जुड़ी कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिनका राजनीतिक करियर कर्नाटक में दशकों तक फैला हुआ है।