मांड्या। कर्नाटक के मांड्या जिले में बुधवार (11 सितंबर) को दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जब नागमंगला कस्बे में गणपति प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर कथित तौर पर पथराव किया गया। घटना के बाद कुछ दुकानों और वाहनों में आग लगा दी गई।
जानकारी के अनुसार, कुछ युवक भगवान गणपति की मूर्ति विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जब वे कस्बे में एक दरगाह के पास से गुजर रहे थे, तो कुछ उपद्रवियों ने उन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद झड़पें हुईं। पुलिस ने इलाके में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं और हाई अलर्ट पर हैं।
मांड्या में आज (12 सितंबर) पुलिस ने कम से कम 52 लोगों को गिरफ़्तार किया है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के अनुसार, बुधवार को गणपति विसर्जन जुलूस पर पथराव के आरोपों के बाद भड़के दंगों के बाद कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला में गुरुवार को शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, गणेश जुलूस के दौरान किसी ने जुलूस पर पथराव किया। जवाब में इन लोगों ने भी वैसा ही किया। अब सब कुछ नियंत्रण में है। हमने दोनों पक्षों के करीब 52 लोगों को गिरफ्तार किया है। चिंता की कोई बात नहीं है, अब वरिष्ठ अधिकारी वहां डेरा डाले हुए हैं। हमने अतिरिक्त बल भेजा है, आगे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। कुछ लोग घायल हुए हैं, लेकिन मैं ब्यौरा लूंगा। (जुलूस के लिए) सभी एहतियाती उपाय किए गए थे। ऐसा नहीं है कि इसे पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया, बल्कि ऐसा हुआ है - हां, हम सभी जरूरी उपाय करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद है और हालात को देखते हुए अतिरिक्त बल की तैनाती भी की गई है। मैंने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को हालात का जायजा लेने के लिए मौके पर जाने का निर्देश दिया है। साथ ही कुछ लोगों को मामूली रूप से चोट आई हैं और कितने लोग घायल हुए हैं, इस संबंध में जानकारी मांगी गई है।
भाजपा के आरोपों पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, यह मामला गंभीर है, लेकिन, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की थी। सभी जरूरी कदम उठाए, ऐसा नहीं है कि इसे पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। लेकिन, जो घटना हुई है, उसे लेकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के दौरान किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है। लेकिन, मैंने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
घटना के बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और पथराव के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
मांड्या के डिप्टी कमिश्नर डॉ. कुमार ने कहा, घटना शाम को गणेश जुलूस के दौरान हुई। जब जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा तो कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की। यह बात हमारे संज्ञान में आई है। बाद में विरोध प्रदर्शन भी हुआ। आईजी, एसपी और मैंने घटनास्थल का दौरा किया है। हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं। 2-3 दुकानों में आग लगा दी गई। एहतियात के तौर पर 14 सितंबर तक धारा 144 सीआरपीसी लागू रहेगी। हम इसकी जांच कर रहे हैं। आग की वजह से बिजली गुल हो गई है। मैंने जीईएससीओएम (गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड) से बात की है।
दक्षिण डिवीजन के आईजीपी एमबी बोरलिंगैया ने कहा, मंड्या जिले के नागमंगला में उपद्रवियों के एक समूह द्वारा दुकानों में आग लगाने और दो पुलिस कर्मचारियों के घायल होने के बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। झड़प में इस्तेमाल किए गए चाकू या अन्य हथियारों से संबंधित मुझे कोई जानकारी नहीं है। जांच चल रही है। हम उकसावे के कारणों की पुष्टि कर रहे हैं, हमारे अधिकारी ड्यूटी पर हैं। हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और तलाशी चल रही है। प्रतिबंध आदेश जारी रहेंगे।
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने घटना की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि
नागमंगला में यह घृणित घटना राजनीतिक लाभ के लिए पार्टी और राज्य सरकार द्वारा एक विशेष समुदाय के प्रति अति-भोग और तुष्टिकरण के परिणामस्वरूप हुई।
जेडी-एस नेता ने आगे कहा कि राज्य सरकार को शहर में शांति बहाल करने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
कर्नाटक एसडीपीआई प्रमुख अब्दुल मजीद ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से आग्रह किया कि वे डीजीपी को कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दें।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुख्यमंत्री को टैग करते हुए एक पोस्ट में कहा, संबंधित अधिकारियों को ऐसे समूहों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दें, जिनका उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करना और राज्य की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है।