बेंगलूरू। कर्नाटक के भाजपा सांसद और दलित नेता रमेश जिगाजिनागी ने पार्टी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जातियों से आते हैं, जबकि दलितों को प्रमुखता नहीं दी जाती।
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए विजयपुरा से सांसद ने कहा कि कई लोगों ने उन्हें भाजपा में जाने से मना किया क्योंकि यह 'दलित विरोधी' है।
जिगाजिनागी से जब पूछा गया कि क्या वह कैबिनेट मंत्री पद की आकांक्षा रखते हैं, तो उन्होंने कहा, मुझे केंद्रीय मंत्री पद मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है। लोगों का समर्थन मेरे लिए जरूरी है। लेकिन जब मैं वापस आया (चुनाव के बाद) तो लोगों ने मुझे बुरी तरह डांटा। कई दलितों ने मुझसे इस बारे में बहस की कि भाजपा दलित विरोधी है और मुझे पार्टी में शामिल होने से पहले यह बात जान लेनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, मेरे जैसा दलित व्यक्ति दक्षिण भारत में सात चुनाव जीतने वाला अकेला व्यक्ति है। सभी उच्च जाति के लोग कैबिनेट पदों पर हैं। क्या दलितों ने कभी भाजपा का समर्थन नहीं किया? इससे मुझे बहुत दुख हुआ है।
72 वर्षीय रमेश जिगाजिनागी पहली बार 1998 में लोकसभा के लिए चुने गए थे और तब से उन्होंने सभी चुनाव जीते हैं। वे 2016 और 2019 में पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री थे।