कारगिल विजय दिवस: हवाई हमले से टूटा था दुश्मन का मनोबल : वायु सेना प्रमुख

करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 20 साल पहले 26 जुलाई 1999 को हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण दिया था जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए। 60 दिन तक चले कारगिल युद्ध (Kargil War) को हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के तौर पर मनाया जाता है। कारगिल विजय की 20वीं वर्षगांठ का जश्न 25 जुलाई से 27 जुलाई तक तीन दिन मनाया जा रहा है। कार्यक्रम का समापन 27 जुलाई को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 'कारगिल विजय दिवस ईवनिंग' के बाद होगा जिसमें पीएम मोदी शामिल होंगे। ऑपरेशन विजय की 20वीं वर्षगांठ 'रिमेम्बर, रिज्वाइस एंड रिन्यू' की थीम के साथ मनाई जा रही है। वही इस खास मौके पर आजतक से बात करते हुए भारतीय वायु सेना के प्रमुख बीएस धनोआ कारगिल युद्ध के बारे में कहा कि करगिल युद्ध में सही मायनों में हवाई हमले से ही दुश्मन का मनोबल टूटा था। करगिल युद्ध में वायुसेना ने दिन-रात पाकिस्तानी घुसपैठियों के ऊपर बम गिराए थे।

उन्होंने कहा कि करगिल के बाद पिछले 20 साल में जो कमियां थीं, उन्हें हमने दूर कर लिया है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि आज हमारे पास यूएवी हैं। संचार के बेहतर उपकरण हैं। आज पाकिस्तान करगिल जैसी घुसपैठ नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमारे पास राफेल आएगा, एस 400 आएगा। इससे हमारी ताकत और बढ़ेगी।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पास योजना है जिसके हिसाब से हम चीन और पाकिस्तान, दोनों मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में जो लक्ष्य थे, वह पूरे किए। धनोआ ने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में मुझे आतंकी कैंपों को निशाना बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे हमने पूरा किया।

उन्होंने कारगिल युद्ध को याद करते हुए कहा कि तब मैंने एक युवा पायलट के तौर पर इस युद्ध में हिस्सा लिया था।

गौरतलब है कि करगिल युद्ध आज ही के दिन (25 जुलाई को) समाप्त हुआ था। भारतीय सेना ने पराक्रम दिखाते हुए दुश्मन को वापस अपने घर में घुसने पर मजबूर कर दिया था। भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के परमाणु संपन्न होने के बाद यह पहला युद्ध था। इस युद्ध में भारतीय वायु सेना ने अपने अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया था।

राष्ट्रपति कोविंद बोले- भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य और शौर्य को नमन

वही इस खास मौके पर वीर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कहा कि कारगिल विजय दिवस हमारे राष्ट्र के लिए 1999 में करगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है। इस मौके पर हम भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य और शौर्य को नमन करते हैं। रामनाथ कोविंद इस मौके पर द्रास मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों के और सेना के कई बड़े अधिकारी सहित शहीदों के श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। ये कार्यक्रम सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक चलेगा।