पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, CO के चेहरे-सीने पर सटाकर मारी गई गोली, पैर और कमर पर धारदार हथियार से भी किया वार

कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे के गुर्गों से पुलिस की हुई मुठभेड़ में नए नए खुलासे हो रहे हैं। बिकरू गांव में हमलावरों ने पुलिस टीम पर तमंचों के साथ एके-47 से भी गोलियां बरसाई थीं। रीजेंसी अस्पताल में एक्सरे से पहले शहीद सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से एके-47 की एक गोली बरामद हुई है। यही नहीं, पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि चार जवानों के शरीर से गोलियां आर-पार निकल गई थीं। अन्य चार जवानों के शरीर से 315 और 312 बोर के कारतूस के टुकड़े बरामद हुए हैं।पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दारोगा अनूप को सबसे ज्यादा सात गोलियां मारी गईं।

वहीं सीओ देवेंद्र मिश्रा के चेहरे, सीने और पैर पर सटाकर गोली मारी गई। उनका भेजा और गर्दन का हिस्सा उड़ गया था, जबकि उनके पैर और कमर पर धारदार हथियार से वार के निशान थे। बताया जा रहा है कि विकास दुबे के किसी गुर्गे ने सीओ देवेंद्र मिश्रा पर पिस्टल से गोली मारी, क्योंंकि गोली शरीर के पार हो गई थी।

पुलिस के मुताबिक सिपाही जितेंद्र पाल के पैर, हाथ, सीने, कमर में पांच गोलियां मारी गई थीं। दो गोलियां आर-पार निकल गई थीं।

चौकी प्रभारी अनूप सिंह को सात गोलियां मारी गई थीं। उनके सीने, पैर और बगल में गोली लगी थी। थाना प्रभारी महेश के चेहरे, पीठ और सीने पर पांच गोली और दारोगा नेबूलाल के चार गोलियां लगी थीं।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक थाना प्रभारी महेश यादव, मंधना चौकी प्रभारी अनूप सिंह, दारोगा नेबूलाल और सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से ही गोलियां और उनके टुकड़े बरामद हुए हैं।

सीओ देवेंद्र मिश्रा, सिपाही राहुल, बबलू और सुल्तान के शरीर से बुलेट नहीं मिली। शवों से बरामद हुए कारतूस व उनके टुकड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। माना जा रहा है कि हत्यारों ने रायफल व पिस्टल लूटने के बाद उन हथियारों से भी कई राउंड गोलियां चलाईं, जो पुलिस कर्मियों को लगी थीं।

रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही बबलू की कनपटी, चेहरे, सीने पर गोली लगी और सिपाही राहुल की पसली, कमर, कोहनी और पेट में चार गोली लगीं जो आर-पार निकल गईं। सुल्तान की कमर, कंधे व सीने पर पांच गोलियां मारी गईं। शवों से बरामद हुए कारतूस व उनके टुकड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

हमलावरों ने लूट लिए पुलिस के हथियार

पुलिस ने बताया कि हमला के दौरान सिपाहियों की रायफल, एसओ और चौकी इंचार्ज की पिस्टल लूटी गई। हमलावरों ने सिपाही सुल्तान और बबलू के शहीद होने के बाद मौके पर पड़ी उनकी रायफलें और थाना प्रभारी महेश यादव व दारोगा अनूप की पिस्टलें लूट लीं।

पुलिस की तरफ से महज 21 राउंड फायरिंग

पुलिस के मुताबिक जब टीम विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची थी उस वक्त करीब 100 बदमाश वहां मौजूद थे। हमले में शामिल सभी बदमाशों ने एक साथ हमला किया था। सभी ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। एके-47 समेत कई आटोमेटिक वेपन से फायरिंग की गई। इस हमले के जवाब में पुलिस की तरफ से महज 21 राउंड ही गोलियां चली। तीन थानों की फोर्स, पर्याप्त असलहा व कारतूस होने के बावजूद तीन दिशाओं से हो रही ताबड़तोड़ फायरिंग से किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। बता दे, इस मामले में पुलिस ने विकास दुबे समेत 21 नामजद और 80 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था।