गंगा को 15 दिसंबर तक प्रदूषण मुक्त करने के वादे को सरकार ने सोमवार को पूरे आत्मविश्वास और जोरदारी से दोहराया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'हमारा यह दायित्व है कि हम अपने पूर्वजों की धरोहरों को संरक्षित रखें। हमें कम से कम यह प्रयास करना चाहिए कि गंगा में गंदगी न करें।'
उन्होंने कहा कि हम सब के लिए ये जीवन का मिशन भी है, हम सब आभारी हैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जिन्होंने राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण और नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपये की एक परियोजना गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए उपलब्ध कराया है। जिसमें सबसे अधिक साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 जनवरी को कुंभ का पहला स्नान है। मैंने अफसरों को डेडलाइन दे दी है कि 15 दिसंबर के बाद कहीं भी गंदा नाला गंगा में गिरने की शिकायत न आए। अगले साल का प्रोजेक्ट तय कर लिया है। गंगा के तट पर बड़े तालाब और पेड़ लगाकर जलस्तर बढ़ाया जाएगा। मूल धारा को नहीं छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा जी की अविरलता आज भी हम सब के लिए एक चुनौती है, अगर गंगा जी की अविरलता और निर्मलता को बनाए रखना है तो हमें गंगा जी की मूल धारा को यथावत बनाए रखते हुए उस पर कार्य करना होगा। एक बार गंगा जी अविरल हुई तो वह निर्मल भी होंगी। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।
सोमवार सुबह कानपुर पहुंचे मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने सबसे पहले गंगा बैराज और फिर भैरोघाट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण कर समय से पूरा करने के निर्देश दिए। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि परिसर पहुंचे। यहां कानपुर और बिठूर के 20 घाटों के जीर्णोद्धार का लोकार्पण रिमोट का बटन दबाकर किया। कानपुर के लिए गठित गंगा टास्क फोर्स की लांचिंग की।
मुख्यमंत्री से कहा कि गंगा बेसिन के शुद्धिकरण के लिए कोई भी डीपीआर बनाकर मेरे पास भेजें, उप्र की हर योजना को आठ दिन में मंजूरी और भरपूर धन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा को सबसे अधिक प्रदूषित दस शहर करते हैं, इनमें सबसे ज्यादा कानपुर करता है। यहां के दो नाले विश्वप्रसिद्ध हैं। एक बंद होने वाला है और दूसरे का काम अगस्त में शुरू होगा। कानपुर में सीवेज के सभी प्रोजेक्ट तीन माह में पूरे हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, "हमने अफसरों के साथ मिल कर वृहद योजना तैयार की है। अधिकारी इसपर दिन-रात काम कर रहे हैं। यह काम मुश्किल है, लेकिन हमने गंगा स्वच्छता को चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।" मुख्यमंत्री योगी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में कानपुर एवं बिठूर के 20 घाटों के लोकार्पण समारोह में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने नमामि गंगे परियोजना और राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण के तहत 20 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया।
योगी ने कहा, "कुंभ का पहला स्नान 15 जनवरी को प्रयागराज में होगा। देश व दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु यहां आएंगे। हम सभी के स्वागत के लिए प्रतिबद्ध हैं। उसके लिए हम सुनिश्चित करेंगे कि गंगा से जुड़ी सभी परियोजनाओं को समय से पूरा कर लिया जाए।" उन्होंने कहा कि अगले साल के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है। अगर गंगा की अविरलता को बनाए रखना है तो हमें उसकी मूल धारा को यथावत बनाए रखते हुए उस पर कार्य करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि गंगा और यमुना के दोनों तटों पर हर एक किलोमीटर पर एक-एक बड़े तालाब बनाकर उनमें जल संचयन करें और व्यापक वृक्षारोपण भी करें। योगी ने कहा, "हमने 15 अगस्त को 9 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है। अगले वर्ष हम इस अभियान को गंगा और अन्य नदियों के आस-पास चलाएंगे, ताकि इस अभियान से नदियों की अविरलता और निर्मलता को बरकरार रखा जा सके।"
मुख्यमंत्री ने अयोध्या, गढ़ मुक्ते श्वर से लेकर वाराणसी तक एसटीपी की प्रदेश सरकार की योजनाओं व राजमार्ग निर्माण के लिए सरकार का सहयोग करने पर केंद्रीय मंत्री गडकरी से आभार जताया। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी, केंद्रीय मंत्री गडकरी व सांसद डॉ। मुरली मनोहर जोशी ने नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत कानपुर एवं बिठूर के घाटों का लोकार्पण किया। इससे पहले मंत्रियों ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ गंगा के घाटों के निर्माण कार्य व सफाई का निरीक्षण किया।