
डीएमके सांसद कनीमोझी ने रूस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब आतंकवाद पर कोई बहाना स्वीकार नहीं करेगा और जो बात है उसे उसी रूप में कहेगा।
रूस की यात्रा पर गई सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं कनीमोझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस नीति को दोहराया जिसमें कहा गया है कि अगर भारत पर दोबारा हमला हुआ तो आतंकवादियों और उनके समर्थकों में कोई फर्क नहीं किया जाएगा।
मॉस्को में रूसी संसद के सदस्यों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कनीमोझी ने कहा, जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों ने भारत-पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति स्थापित करने के प्रयास किए हैं। लेकिन जब भी बातचीत का माहौल बनता है, भारत को किसी न किसी हिस्से में आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ता है, और इन हमलों की कड़ियाँ हर बार पाकिस्तान से जुड़ती हैं। अब समय आ गया है कि हम सच्चाई को स्पष्ट रूप से कहें और किसी भी बहाने को नकार दें।
प्रतिनिधिमंडल ने रूस की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष आंद्रेई देनिसोव से भी मुलाकात की।
पाकिस्तान पर आतंकियों को बचाने का आरोप
कनीमोझी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि 26 लोगों की मौत के बावजूद पाकिस्तान न केवल झूठा प्रचार करता रहा, बल्कि जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन द रेज़िस्टेंस फ्रंट (TRF) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में नामित होने से भी बचा लिया।
उन्होंने कहा, जिस आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, उसे पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद में बचाया। इससे न केवल भारत की पीड़ा को नज़रअंदाज़ किया गया बल्कि झूठे नैरेटिव को भी फैलाया गया।
कनीमोझी ने बताया कि इन हालातों में भारत के पास आतंक के ठिकानों को निशाना बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, हमने सुनिश्चित किया कि हमारे जवाबी कार्रवाई में किसी नागरिक को नुकसान न पहुंचे। हमने पाकिस्तान को भी इसकी जानकारी दी, लेकिन इसके बावजूद वहां से गुरुद्वारों, मंदिरों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया।
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी समझौते के लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है।
बयान में कहा गया, संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और एससीओ जैसे वैश्विक और क्षेत्रीय मंचों पर भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग को और बढ़ाने की इच्छा जताई गई है।