चुनावी साल में मध्यप्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव हुआ है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिग्गज नेता कमलनाथ को मध्यप्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके साथ ही चार अन्य कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जीतू पटवारी और सुरेंद्र चौधी को यह जवाबदारी सौंपी गई हैं। इस कदम से साफ है कि कांग्रेस किसी एक चेहरे पर दांव नहीं खेलना चाहती है। कमलनाथ एमपी के छिंदवाड़ा से लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे हैं।
29 अप्रैल की जनाक्रोश रैली से पहले कई राज्यों में इस प्रकार के बदलाव देखने के मिल सकते हैं। पार्टी महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी एक चिट्ठी में बताया गया है कि कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। गौरतलब है कि इसी साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। बता दें कि कमलनाथ के पास इस समय हरियाणा और पंजाब का प्रभार है।
अर्से से अटका पड़ा मध्य प्रदेश का फैसला आखिर राहुल ने कर लिया गया है। पहले ही दिग्विजय सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता कमलनाथ के हक में राय दे चुके हैं। लेकिन मामला अब तक लटका हुआ था, जिस पर अब जाकर मुहर लगने वाली हैं। कमलनाथ के मध्य प्रदेश जाने की सूरत में उनकी जगह हरियाणा का भी नया प्रभारी नियुक्त किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, दिग्विजय सिंह और सिंधिया की सियासी अदावत ने भी राहुल को कमलनाथ के हक़ में आखिरकार फैसला करने को मजबूर कर दिया। अपनी नर्मदा यात्रा से पहले ही दिग्विजय ने सिंधिया और कमलनाथ की मौजूदगी में राहुल से साफ कह दिया था कि, वैसे तो किसी को चेहरा बनाने की जरूरत नहीं है। सभी नेता मिलकर चुनाव लड़ाएं और सरकार बनने पर बाद में राहुल फैसला कर लें।
लेकिन जब राहुल ने जोर देकर पूछा कि, पहले किसी को चुनना हो तो राय बताइए। इस पर दिग्विजय ने जवाब दिया कि, सिंधिया के पास आगे वक़्त है, लेकिन कमलनाथ का अंतिम मौका है। इसलिए कमलनाथ हों और वो होते हैं तो मेरा पूरा समर्थन रहेगा।