अदालत ने खारिज की के.कविता की जमानत याचिका, जेल में ही रहना होगा

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 28 मई को दो जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा था, लेकिन याचिकाओं को खारिज कर दिया। विस्तृत आदेश का इंतजार है।

के कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मार्च को हैदराबाद में बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार, कविता साउथ ग्रुप की एक प्रमुख सदस्य हैं, जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में शराब लाइसेंसों में बड़ी हिस्सेदारी के बदले में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है।

बाद में 11 अप्रैल को सीबीआई ने कविता को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया, जहां वह न्यायिक हिरासत में थी।

के. कविता ने ट्रायल कोर्ट के 6 मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले के साथ-साथ ईडी के धन शोधन मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

ईडी मामले में अपनी जमानत याचिका में कविता ने कहा कि अब समाप्त कर दी गई आबकारी नीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है और उनके खिलाफ केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा ईडी की सक्रिय मिलीभगत से आपराधिक साजिश रची गई थी।

कविता के वकील ने कहा कि आबकारी मामले में 50 आरोपियों में से वह अकेली महिला हैं और उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें जमानत देने पर विचार किया जाए क्योंकि कानून महिलाओं को अलग दर्जा देता है। सीबीआई और ईडी ने कविता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह गवाहों को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं।