कोलकाता। झारखंड में मंगलवार की सुबह मुंबई-हावड़ा दुर्घटना के बाद, भारतीय ब्लॉक के नेताओं ने पिछले कुछ महीनों में कई लोगों की जान लेने वाली रेल दुर्घटनाओं को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्र सरकार की आलोचना की।
तृणमूल कांग्रेस ने दो लोगों की जान लेने वाली ट्रेन दुर्घटना को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि ट्रेनों की बुनियादी सुरक्षा की अनदेखी के कारण नागरिकों को हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है।
पार्टी ने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत रेल दुर्घटनाओं को नई सामान्य करार दिया और रेल मंत्रालय पर शून्य जवाबदेही का आरोप लगाया। टीएमसी नेता और सांसद सुष्मिता देव ने एक्स पर लिखा, भारत सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
पार्टी नेता सागरिका घोष ने यह भी पूछा कि केंद्र को अपनी नींद से जागने के लिए और कितनी रेल दुर्घटनाएँ झेलनी पड़ेंगी।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर कटाक्ष करते हुए घोष ने कहा, राष्ट्रीय आपदा गठबंधन सरकार को जागने के लिए और कितनी रेल दुर्घटनाएँ झेलनी पड़ेंगी? उन्होंने कहा, रेल मंत्री कहाँ हैं? अश्विनी वैष्णव केवल अंशकालिक रेल मंत्री हैं, जो विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भाजपा के चुनाव प्रबंधन को संभालने में व्यस्त हैं, जबकि यात्रियों की सुरक्षा से हर दिन चौंकाने वाला समझौता किया जा रहा है।
टीएमसी नेता ने कहा, मोदी केवल फोटो खिंचवाने के लिए ट्रेनों को हरी झंडी दिखाना चाहते हैं, जबकि नागरिकों को ट्रेनों में बुनियादी सुरक्षा की अनदेखी के कारण रोजाना परेशानी उठानी पड़ती है। मोदी सरकार की ओर से बुनियादी जवाबदेही की शर्मनाक कमी।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने रेल दुर्घटनाओं को विनाशकारी और दुःस्वप्नों की श्रृंखला कहा। उन्होंने कहा, मैं गंभीरता से पूछती हूं: क्या यही शासन है? रेलवे पटरियों पर मौतों और चोटों का यह अंतहीन सिलसिला। हम इसे कब तक बर्दाश्त करेंगे? क्या भारत सरकार की बेरुखी का कोई अंत नहीं होगा?
झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम ने केंद्र पर कटाक्ष किया है। जेएमएम ने एक एक्स पोस्ट में कहा, इस (ट्रेन दुर्घटना) की पूरी जिम्मेदारी आपके रेल मंत्री और केंद्र सरकार की है। रेल मंत्री को रील बनाने से रोकें और उनसे रेलवे पर ध्यान देने का अनुरोध करें।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी रेल मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, एक और रेल दुर्घटना। लेकिन विफल मंत्री की पीआर मशीन जारी है। जून और जुलाई 2024
में ही विफल मंत्री ने तीन दुर्घटनाएँ देखीं, जिनमें कुल मिलाकर 17 भारतीयों की जान चली गई और 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।