JNU छात्रों से मिलने पहुंचे योगेंद्र यादव से मारपीट, हिंसा के खिलाफ एकजुट हुए कई यूनिवर्सिटी के छात्र, निकाला मार्च

भारत की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार शाम हिंसा की घटना हुई। साबरमती हॉस्टल समेत कई बिल्डिंग में जमकर तोड़फोड़ की गई। हमलावरों ने टीचरों को भी नहीं छोड़ा। इस हमले में कम से कम 30 लोग घायल हुए हैं जिन्‍हें एम्‍स में भर्ती कराया गया है। हमलावरों में लड़कियां भी शामिल थीं। आरोपियों ने हॉस्टल में तोड़फोड़ की और वहां खड़ी कारों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हमले में JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष (Aishe Ghosh) बुरी तरह घायल हो गईं। जेएनयू के स्टूडेंट्स ने बताया कि हमलावरों की तादाद 200 के करीब थी और वे बाहरी थे। घायल छात्रों ने ABVP कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। वहीं, ABVP नेताओं का आरोप है कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने उनके साथ मारपीट की है। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने हिंसा के लिए ABVP को जिम्मेदार ठहराया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमले की निंदा की और इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया। बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस घटना की निंदा की, साथ ही लिखा कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। मायावती के अलावा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भी इस घटना का आरोप ABVP पर लगाया। घटना के बाद कई पार्टियों के नेता JNU पहुंचे थे। स्वराज इंडिया (Swaraj India) पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादवभी छात्रों से मिलने के लिए JNU पहुंचे थे, जहां उनके साथ मारपीट की गई।

योगेंद्र यादव ने कहा कि रविवार रात मेरे साथ तीन बार मारपीट की गई। करीब 9:30 बजे जब मैं JNU के टीचर्स से बात कर रहा था तो एक पुलिस इंस्पेक्टर जिनकी वर्दी पर नेम प्लेट नहीं थी, उन्होंने मुझे घसीटा और फिर ABVP और RSS के लोग मुझे धक्का देने लगे। संस्कृत विभाग के प्रोफेसर मिश्रा भी उनके साथ थे। उन्होंने मेरा मफलर खींचा। मुझे गिरा दिया। मेरे मामूली चोटें आई हैं। मेरे उठने के बाद भी पुलिस मुझे धकियाते रही। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि करीब 10:30 बजे एक बार फिर मुझपर हमला हुआ। 20-30 गुंडों ने हमला किया। उस समय मैं डी राजा के साथ था। वो लोग गालियां दे रहे थे। हमारे राष्ट्रगान गाने के दौरान उन्होंने मुझे और मेरी टीम को पीटा। उन्होंने मेरे चेहरे पर लात मारी। पुलिस ये सब देखती रही। डीसीपी बाद में वहां आए। इसके बाद मैं AIIMS ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए पहुंचा था। रात 12:30 बजे के करीब इंस्पेक्टर शिवराज ने मेरे साथी राजा और मेरे ड्राइवर को मारा और ADCP परविंदर सिंह के सामने मुझे धक्का दिया। वो ये जानते थे कि मुझे चोटें आई हैं।

आपको बता दे, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा में जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हिंसा को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि शनिवार को जेएनयू छात्र संघ ने सर्वर रूम को लॉक कर दिया था। इसे लेकर एबीवीपी और लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स में हल्की झड़प हुई थी। रविवार को जेएनयू छात्र संघ की ओर से साबरमती हॉस्टल से मार्च निकाला जाना था। इस दौरान यहां हिंसा हुई।

आपको बता दे, जेएनयू में हुए हमले के बाद कई यूनिवर्सिटी के छात्र देशभर में प्रदर्शन कर रहे है।

- जेएनयू में हिंसक घटना के खिलाफ आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। मुंबई में विभिन्न कॉलेजों के छात्र रात से ही गेटवे ऑफ इंडिया पर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

- कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया और अध्यापकों ने भी जेएनयूएसयू के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। कोलकाता में जादवपुर यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव पार्थ प्रतीम रॉय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि जेएनयू में हालात सामान्य करने और हिंसा रोकने के लिए केंद्र और दिल्ली की सरकार तत्काल कार्रवाई करे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर छात्रों और अध्यापकों से इस घटना की निंदा करने का आह्वान किया।

- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अध्यापक संघ ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और पुणे में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रात में ही सड़क पर निकल आए और जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन (एएमयूटीए) ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग की है कि एबीवीपी के गुंडों और मूकदर्शक रहे पुलिसकर्मियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। एसोसिएशन के सचिव प्रोफेसर नजमुल इस्लाम ने इस घटना में संलिप्त एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा बताते हुए कहा है कि मूकदर्शक रही पुलिस के सामने जेएनयू के छात्रों और अध्यापकों के साथ एबीवीपी के गुंडों ने जिस तरह से बर्बरता की, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से इस घटना में संलिप्त एबीवीपी समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

जेएनयू के पूर्व छात्र तथा केन्द्रीय मंत्री एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में हुई हिंसा की घटना की निंदा की है। सीतारमण ने कहा कि हिंसा की तस्वीरें भयावह हैं और सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान बने। गृह मंत्री और एचआरडी मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस प्रमुख अमूल्य पटनायक से बात की और मंत्रालय ने उनसे रिपोर्ट मांगी है।