JNU में आधी रात को लगे अनुच्छेद 370 वापस लाओ के नारे, सेना को भी कहें अपशब्द

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वालेअनुच्छेद -370 को मोदी सरकार ने खत्म कर दिया गया है।अनुच्छेद -370 को खत्‍म करने का संकल्‍प राज्‍यसभा में पारित होने के बाद आज जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को लोकसभा में पेश किया जाएगा। कल कांग्रेस समेत अन्‍य कल विपक्षी दलों ने राज्यसभा में इस बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ वोटिंग की थी। हालांकि आज कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है। वही सोमवार देर रात दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में भारत सरकार के फैसले के बाद एक बार फिर बगावती सुर देखने को मिले। JNU कैंपस के अंदर सोमवार देर रात आजादी-आजादी के नारों की गूंज सुनाई दी। चंद लोगों ने अंधेरे में जमकर नारेबाजी की औरअनुच्छेद -370 को वापस लेने की मांग की।

जेएनयू से कथित क्रांति का झंडा बुलंद करने वालों की भाषा बेहद आपत्तिजनक बताई जा रही है। उन्होंने सेना को लेकर भी काफी अपशब्दों का इस्तेमाल किया। हद तो तब हो गई जब जेएनयू में लाल सलाम का नारा बुलंद करने वाले इन मुट्ठीभर लोगों ने खुद को हिन्दुस्तानी बताने से भी परहेज किया। जेएनयू में आधी रात के अंधेरे में ये छात्र मीडिया के कैमरे से कतराते रहे।

एक तरफ जहां जेएनयू में अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग हो रही थी वहीं, जम्मू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सोमवार को जश्न मनाया। दूसरे राज्यों में भी जश्न का माहौल रहा, जिसमें तेलंगाना भी शामिल था। यहां लोग अपने घरों से बाहर आए और इस अवसर पर पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद क्या-क्या बदलेगा?

- अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था लेकिन अब ये खत्म हो गया

- देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है

- दूसरे राज्य के लोग यहां वोट कर सकेंगे, चुनाव में उम्मीदवार भी बन सकते हैं

- देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है

- दूसरे राज्यों के लोग जम्मू कश्मीर में बिजनेस कर सकेंगे।

- राज्य की विधानसभा का कार्यकाल अब पांच साल का होगा, जो पहले छह साल का था।

- लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी, लेफ्टिनेंट गवर्नर होगा