अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी बना सकेगा अपने सपनों का घर, गृह मंत्रालय ने लागू किया नया कानून

देश का कोई भी नागरिक अब जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदकर अपना घर बना सकता है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानूनों में संशोधन कर दिया है। देश का कोई भी नागरिक अब जम्मू कश्मीर में अपने मकान, दुकान और काराेबार के लिए जमीन खरीद सकता है। उस पर काेई पाबंदी नहीं होगी हालाकि, कृषि के लिए जमीनें नहीं ली जा सकेंगी। केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस आदेश को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकूलन) तीसरा आदेश-2020 कहा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2019 से पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य की अपनी एक अलग संवैधानिक व्यवस्था थी। उस व्यवस्था में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक जिनके पास राज्य का स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र जिसे स्टेट सब्जेक्ट कहा जाता है, हो, वहीं जमीन खरीद सकते थे। देश के किसी अन्य भाग का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में अपने मकान, दुकान, कारोबार या खेतीबाड़ी के लिए जमीन नहीं खरीद सकता था। वह सिर्फ कुछ कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर पट्टे के आधार पर जमीन प्राप्त कर सकता था या किराए पर ले सकता था।

केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किये जाने के बाद यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि साल 1897 के सामान्य आदेश अधिनियम इस आदेश की व्याख्या के लिए लागू होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यह भारत के पूरे क्षेत्र में लागू कानूनों की व्याख्या के लिए होगा।

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हम चाहते हैं राज्य में बाहरी उद्योग स्थापित हों ऐसे औद्योगित भूमि में निवेश की आवश्यकता है। लेकिन खेती की जमीनें सिर्फ राज्य के लोगों के पास ही रहेंगी।

गौरतलब है कि इस अधिसूचना के बाद कोई भी जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घऱ या दुकान के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त कर सकता है। इसके लिए उसे पहले की तरह कोई स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है।