जम्मू कश्मीर: अमित शाह ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों को दी श्रद्धांजलि, CRPF कैंप में गुजारी रात

जम्मू व कश्मीर के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार सुबह 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों (CRPF) को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। शाह ने सोमवार को पुलवामा जिले में शहीद स्मारक पर सीआरपीएफ जवानों के साथ गुजारी। इस बाबत एक ट्वीट में शाह ने लिखा, 'मैं अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ समय बिताना चाहता था, उनसे मिलकर उनके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज़्बे को देखना चाहता था। इसलिए पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैम्प में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया व आज का रात्रि विश्राम भी कैम्प में जवानों के साथ करूंगा।'

अमित शाह की ओर से मंगलवार सुबह ट्वीट किया गया, 'पुलवामा के कायराना आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के बहादुर जवानों को आज पुलवामा शहीद स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। देश की रक्षा हेतु आपका समर्पण व सर्वोच्च बलिदान आतंकवाद के समूल नाश के हमारे संकल्प को और दृढ़ करता है। वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि वंदन।’ इसके बाद शाह ने पौधारोपण भी किया।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'पुलवामा के शहीद स्मारक पर हमारे वीर बलिदानियों की स्मृति में पौधारोपण किया।'

सुरक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए कही ये बात

शाह ने सीआरपीएफ शिविर में सुरक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं एक रात आप लोगों के साथ गुजारना चाहता हूं और आपकी समस्याओं को समझना चाहता हूं।'

उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के उनके दौरे के दौरान यह सबसे अहम पड़ाव है। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत हद तक सुधरी है।

उन्होंने कहा कि ‘उन्हें उम्मीद है कि वह अपने जीवनकाल में शांतिपूर्ण जम्मू कश्मीर देख सकेंगे जिसका सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है।’

CRPF कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'पथराव की घटनाएं तभी दिखाई देती हैं जब हम उन्हें देखना चाहते हैं। ऐसा भी समय था जब कश्मीर में पथराव आम बात थी। ऐसी घटनाएं बहुत हद तक कम हो गई हैं। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हम अभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए।'

उन्होंने कहा। 'आतंकवाद के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह मानवता के विरुद्ध है। मानवता के प्रति जघन्य अपराध से जुड़े लोगों से कश्मीर के लोगों को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।'