अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत, कई लापता, रेस्क्यू जारी

जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार की शाम करीब 5:30 बजे अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हुआ है। इसमें 15 श्रद्धालुओं की मौत की खबर है। इसके अलावा 35 से ज्यादा लोग लापता भी हो गए हैं। भारतीय सेना के नेतृत्व में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है कि मौके पर राहत का काम जारी है और उन्होंने उपराज्यपाल को फोन कर घटना की जानकारी ली है।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक ITBP की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है और हादसे में भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बादल फटने के बाद आस-पास का पूरा इलाका पानी में डूब चुका है और हादसे में घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।

बादल फटने के बाद सैलाब टैंटों के बीच से बहने लगा था, जिसके बाद श्रद्धालुओं के बीच हाहाकार मच गया। इसकी चपेट में कई लोग आ गए थे। राहत और बचाव कार्य में जुटीं टीमें वहां देख रही हैं कि कुछ लोग बह तो नहीं गए। आने वाले समय में श्राइन बोर्ड की ओर से हेल्प लाइन भी जारी किया जाएगा। जिनके परिजन वहां गए हैं, वो उस नंबर से जानकारी ले सकते हैं।

आईटीबीपी के पीआरओ विवेक पांडेय के मुताबिक, यहां मौजूद श्रद्धालुओं को पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि वो वहां से चले जाएं क्योंकि अचानक तेज बारिश होने लगी थी। साथ ही यात्रा को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया था। जहां ये घटना हुई है, इसे लोअर होली केव बोलते हैं। बीते साल भी इसी तरह पानी आया था। इसलिए हमारे जवान पहले से ही अलर्ट पर थे।

उन्होंने बताया कि इलाके में कई टैंट बह गए। अभी जानकारी नहीं मिल पाई है कि कितने लोग लापता हैं। जानकारी के मुताबिक, पानी के बहाव के बीच में 30-40 टेंट आ गए थे। हम लोग स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दरअसल नेटवर्क की भी दिक्कत सामने आ रही है।

वहां कितने लोग थे, इस पर आईटीबीपी के पीआरओ ने बताया कि यहां 80-100 टेंट थे, जिनमें 4-6 लोग हर टेंट में थे। उन्होंने बताया कि वही लोग इसकी जद में आए होंगे, जो संभल नहीं पाए होंगे। उन्हें पहले ही लाउडस्पीकर के द्वारा बता रहे थे कि वो कहीं और चले जाएं।