स्वतंत्रता दिवस विशेष : भगत सिंह के ये अनमोल विचार करते थे आजादी के लिए प्रेरित, आइये जानें

भारत को आजादी दिलाने में जहां केई वीरों का हाथ था, उनमें से एक थे अमर शहीद भगत सिंह। हिन्हें अपनी वीरता और साहस के लिए जाना जाता था। ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों को देखकर जिसका खून खौल उठता था, वे हँसते-हँसते फांसी को चढ़ गए। लेकिन मरने के बाद भी वे हमारे दिलों में जिन्दा हैं। आज भी उनके बोले गए अनमोल वचन हमें प्ररणा देते हैं। आज हम आपको भगत सिंह द्वार बोले गए अनमोल वचनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो युवा लोगों को आजादी के लिए प्रेरित करते थे।

* मेरा एक ही धर्म है देश की सेवा करना।

* जिंदगी हमेशा अपने दम पर ही जी जाती है,दुसरो के कंधो पर तो बस जनाजे ही उठाये जाते है।

* बुराई इसलिए नहीं बढती की बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढती है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है।

* कवि, एक पागल प्रेमी और देशभक्त एक ही चीज से बने है क्योंकि लोग अक्सर देशभक्तों को पागल कहते है।

* मेरे सीने में जो जख्म है वो सब फूलो के गुच्छे है हमें तो पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे है।

* मेरी कलम मेरी भावनावो से इस कदर रूबरू है कि मैं जब भी इश्क लिखना चाहूं तो हमेशा इन्कलाब लिखा जाता है।

* हर कण राख का मेरी ऊर्जा से चलायमान है और मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है।

* जो भी ब्यक्ति विकास के लिए खड़ा होगा उसे हर एक रुढ़िवादी चीज को चुनौती देनी होगी तथा उसमे अविश्वास करना होगा।

* हमारे लोगो को मारकर वो कभी भी हमारे विचारो को नहीं मार सकते।

* क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान पर ही तेज होती है।