स्वतंत्रता दिवस विशेष : महात्मा गांधी के कथनों में छिपी है गहरी सोच, आइये जानें

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने जीवन को पूर्ण रूप से ही देश के लिए समर्पित कर दिया था। उनकी सादगी और अहिंसा के विचारों को लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ। सत्यनिष्ठा, अहिंसा, त्याग व मानव सेवा की झलक उनके जीवन के अनेक प्रसंगों में मिलती है। महात्मा गांधी का पूरा जीवन ही एक प्रेरणा का स्त्रोत हैं। आज हम महात्मा गांधी के कुछ ऐसे कथनों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो मन में अन्दर तक घर कर जाते हैं।

* पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे,फिर वो आप पर हँसेंगे,फिर आप से लड़ेंगे और फिर आप जीत जायेंगे।

* खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।

* यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।

* हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।

* भूल करने में पाप तो है ही परन्तु उसे छुपाना उससे भी बड़ा पाप है।

* काम की अधिकता नहीं बल्कि अनियमितता व्यक्ति को मार डालती है।

* कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं वही कुछ लोग जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।

* चरित्र की शुद्धि ही ज्ञान पाने का उद्देश्य होना चाहिए।

* कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है की लड़ते-लड़ते मर जाना।

* जो लोग अपनी तारीफ के भूखे होते हैं वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है।

* गुस्से को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।