जब भारतीय टीम ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल, सड़कों पर TV फोड़ रहे थे पाक फैंस

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मुकाबला हो और रोमांच न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। क्रिकेट को चाहने वाले लोग हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच टक्कर का बेसब्री से इंतजार रहता है। इनके बीच होने वाले मैचों की दीवानगी फैंस के ऊपर इस कदर होती है कि पसंदीदा टीम मैच ना जीते तो सड़कों पर टीवी- रेडियो तोड़ने लगते हैं। कई फैंस तो टीम के हार जाने के बाद खाना तक छोड़ देते हैं। वहीं, कई फैंस तो इतने भावुक होते हैं कि मैच हारने के बाद रोना भी शुरू कर देते हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच चाहे किसी भी देश में क्यों ना खेला जाए, वो स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा होता है। हालाकि इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज काफी समय से नहीं हो रही है। लेकिन एशिया कप 2018 में फिर से एक बार भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होने के लिए तैयार हैं। 19 सितंबर यानी बुधवार को होने वाले इस महामुकाबले के लिए दर्शकों में अभी से उत्साह भी नजर आने लगा है। बुधवार को जब ये दोनों टीमें टकराएंगी तो माहौल देखने लायक होगा। बता दें कि बड़े टूर्नामेंट के मैचों में भारतीय टीम पाकिस्तान पर अधिकांश मौके पर हावी रही है।

# 9 मार्च, 1996 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल (चिन्नास्वामी स्टेडियम, बैंगलोर)

दोनों टीमों के प्रशंसकों के लिए Wills World Cup quarterfinal फ़ाइनल से कम नहीं था। नवजोत सिंह सिद्धू ने 115 गेंदों पर 93 रनों की ज़बरदस्त पारी खेली। अजय जडेजा ने 25 गेंदों पर 45 रन ठोके। 4 चौके और 2 छक्के बता रहे हैं कि उस दिन उन्होंने कितनी आक्रमक पारी खेली। उन्होंने वकार यूनुस की ज़बरदस्त धुनाई की।

287 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सईद अनवर और आमिर सोहैल ने धमाकेदार अंदाज़ में पारी की शुरुआत की। पहले 10 ओवर में पाकिस्तान ने 84 रन ठोक डाले। माहौल बेहद गर्म हो गया था। 15वें ओवर में सोहैल ने एक चौका लगाया और वेंकटेश प्रसाद की ओर इशारा कर कहा कि अगली गेंद पर भी वह उसी दिशा में चौका लगाने जा रहे हैं। अगली गेंद पर सोहैल के मंसूबे को प्रसाद ने आउट कर ध्वस्त कर डाला। यह मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। भारत ने 39 रन से पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी।

# 18 जनवरी, 1998 इंडिपेंडेंस कप फाइनल (नेशनल स्टेडियम, ढाका)

पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी की। सईद अनवर और एजाज़ अहमद की शतकीय पारियों की बदौलत पाकिस्तान ने 48 ओवर में भारत के सामने 315 रन का लक्ष्य रखा। इतने बड़े लक्ष्य का पीछा इससे पहले किसी टीम ने नहीं किया था। सचिन और सौरव गांगुली ने भारत को ताबड़तोड़ शुरुआत दी। गांगुली ने 124 रन बनाए और रॉबिन सिंह ने 82 रनों की लाजवाब पारी खेली... मैच आखिरी ओवर तक खिंच गया। छह गेंदों पर जीत के लिए 9 रनों की ज़रूरत थी। ऋषिकेष कनितकर और जवागल श्रीनाथ पिच पर थे। गेंदबाज़ थे बेहतरीन ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक। पांचवी गेंद पर कानितकर ने जोरदार शॉट लगाया। एक शॉट ने उन्हें पहचान दिला दी और भारत को 3 रन से जीता दिया...

# 1 मार्च, 2003 वर्ल्ड कप (सुपर स्पोर्ट्स पार्क, सेंचुरियन)

सईद अनवर ने 101 रन ठोक दिए। यूसुफ योहाना, यूनिस खान और राशिद लतीफ ने मिलकर टीम का स्कोर 50 ओवरों में 7 विकेट पर 273 रन तक पहुंचा दिया। लक्ष्य बेहद मुश्किल था। क्योंकि सामने थे वसीम अकरम, वकार यूनुस और शोएब अख्तर। भारत के पास जवाब था सचिन तेंदुलकर। वह छक्का आज भी क्रिकेट के उम्दा शॉट्स में गिना जाता है... सचिन ने 75 गेंदों पर 98 रन ठोक डाले... राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने पांचवें विकेट के लिए 99 रन जोड़कर टीम को ज़बरदस्त जीत दिला दी।

# 13 मार्च, 2004 नेशनल स्टेडियम (कराची)

कारगिल युद्ध के 14 साल बाद भारत और पाकिस्तान की टीमें कराची में आमने-सामने हुईं। वीरेन्द्र सहवाग ने 57 गेंदों पर 79 रन ठोक डाले। राहुल द्रविड़ ने 104 गेंदों में 99 रन बनाए। पाकिस्तान को जीत के लिए 350 रनों का लक्ष्य मिला... यूसुफ़ योहाना ने 68 गेंदों पर 73 रन बनाए, जबकि कप्तान इंज़माम-उल-हक ने सिर्फ़ 102 गेंदों पर 122 रन बनाकर पाकिस्तान को मैच में वापस ला दिया...आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 9 रन बनाने थे, लेकिन नेहरा ने सिर्फ़ 3 रन खर्च किए, और टीम इंडिया को 5 रन से जीत हासिल हुई...

# 30 मार्च, 2011 वर्ल्ड कप सेमी फाइनल (पंजाब क्रिकेट स्टेडियम, मोहाली)

दोनों देशों के लिए क्रिकेट खेल भी है और कूटनीति का ज़रिया भी। स्टेडियम में दोनों देशों के प्रधानमंत्री भी मौज़ूद थे। वीरेन्द्र सहवाग ने जहां तेज़ शुरुआत दी, वहीं सचिन तेंदुलकर ने 85 रनों की पारी खेली... लेकिन वहाब रियाज़ की शानदार गेंदबाज़ी के आगे टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज़ों ने घुटने टेक दिए... नतीजा - टीम इंडिया 50 ओवर में सिर्फ़ 260 रन का स्कोर खड़ा कर सकी... ज़हीर ख़ान और मुनाफ़ पटेल ने उम्मीद से बेहतर गेंदबाज़ी की, तो आशीष नेहरा बेहद किफ़ायती थे। काफी मशक्कत के बावजूद पाकिस्तान लक्ष्य से 30 रन पीछे रह गया।