ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए झुंझुनूं जिले के बहादुर जवान सुरेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर रविवार सुबह सैन्य सम्मान के साथ झुंझुनूं लाया गया। पार्थिव शरीर के साथ जिला कलेक्टर रामावतार मीणा और पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी भी मौजूद रहे। इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर एक सम्मानजनक काफिले के साथ उनके पैतृक गांव मेहरादासी (तहसील मंडावा) के लिए रवाना हुआ।
शहीद सुरेंद्र कुमार का अंतिम संस्कार आज दोपहर लगभग 12:30 से 1:30 बजे के बीच पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम संस्कार में जिले के प्रभारी कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और सेना के वरिष्ठ अफसर शामिल होंगे। पूरे गांव में शोक और गर्व का मिला-जुला माहौल है, हजारों की संख्या में लोग अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए एकत्र हो रहे हैं।
परिजनों की आंखें नम हैं, लेकिन चेहरे पर बेटे की शहादत का गर्व भी झलक रहा है। जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र कुमार देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए। उनके बलिदान ने पूरे जिले और राज्य को शोक में डुबो दिया है, लेकिन साथ ही झुंझुनूं की वीर भूमि की गौरवगाथा में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है।
शहीद को अंतिम विदाई देते समय सेना के जवान शस्त्र झुकाकर उन्हें सलामी देंगे। आमजन और सुरक्षा बलों की उपस्थिति में पूरा गांव देशभक्ति के भाव से ओत-प्रोत नजर आएगा। सुरेंद्र कुमार अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। गांव के लोग नम आंखों और गर्व भरे दिलों के साथ अपने लाल को अंतिम विदाई देंगे।