कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस की मार, देश में मिले 7 हजार से ज्यादा मरीज; 200 की मौत

कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही देश में कम हो रही हो लेकिन अब ब्लैक फंगस अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। देश में ब्लैक फंगस के 7 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ चुके है। वहीं, इस बीमारी से अब तक 200 मरीजों की मौत हो चुकी है। अब तक इस बीमारी के कुल 7250 मामले सामने आए हैं। इस बीमारी के सबसे ज्यादा केस और मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश का नंबर है। गुजरात में 1163 मामले आए हैं और 63 मौतें हुई हैं। मध्य प्रदेश में 575 मामले आए हैं। 31 मौतें हुई हैं। अन्य राज्यों में भी इसके केस आ रहे हैं।

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस को Epidemic Diseases Act के तहत नोटिफाई करने को कहा है। तमिलनाडु, ओडिशा, असम, पंजाब ने म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम के तहत अधिसूचित किया है। राजस्थान पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी के तहत अधिसूचित कर चुका है।

क्या होता है ब्लैक फंगस?

म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस म्यूकरमाइसेल्स नाम की फंफूद से पनपता है। ये मिट्टी, पेड़ों और सड़ते हुए जैविक पदार्थों में पाई जाती है। अगर आप मिट्टी में काम कर रहे हैं, बागवानी कर रहे हैं तो इसे आसानी से बाहर से घर में ला सकते हैं।

हालांकि, ये घर में भी मिलती है। सड़ती हुई ब्रेड और फलों में भी ब्लैक फंगस हो सकती है। ये एयरकंडीशनर के ड्रिप पैन में भी हो सकती है। यानी ये हमारे आसपास हर जगह है। यह फंगस भारत में उन कोरोना मरीजों में जिनका इलाज चल रहा है, या जो संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण बेहद खतरनाक है, क्योंकि इसकी चपेट में आए करीब 50% मरीजों की जान चली गई है। इस फंगस के निशाने पर वो लोग बन रहे हैं, जिनका इम्युन सिस्टम कमजोर है। इस कमजोर इम्युनिटी की वजह अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल और कीमियोथैरेपी भी हो सकती है।