तीसरी लहर में बच्चों पर संकट का आहट दे रहे ये आंकड़े, दो राज्‍यों में 90 हजार से ज्यादा बच्‍चे कोरोना संक्रमित

देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं कि तीसरी लहर की आहट आना शुरू हो गई है। जैसा की कहा जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है ऐसे में दो राज्यों के कोरोना आंकड़ो पर नजर दौड़ाएं तो 90 हजार से ज्‍यादा बच्‍चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर दो राज्‍यों का ये हाल है तो पूरे देश का क्‍या हाल होगा। ऐसे में ये कहना भी गलत नहीं होगा कि देश में तीसरी लहर ने दस्‍तक दे दी है।

तेलंगाना तीन महीने में 37,332 बच्चे कोरोना संक्रमित

वहीं तेलंगाना में मार्च से मई के बीच में 37,332 बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। तेलंगाना स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मुताबिक जितनी तेजी से बच्‍चे कोरोना संक्रमित हो रहे हैं वो चिंता की बात है। बता दें कि कोरोना की पहली लहर के दौरान तेलंगाना में 15 अगस्त से 15 सितंबर 2020 तक 19,824 बच्चे संक्रमित हुए थे।

मध्‍य प्रदेश में अब तक 54000 से ज्यादा बच्चे संक्रमित

मध्‍य प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डाले तो पहली और दूसरी लहर की शुरुआत से अब तक करीब 54000 से ज्यादा बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से सभी की उम्र 0 से 18 साल के बीच है। हालात ये हैं कि इन बच्‍चों में से 12 बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कोविड पॉजिटिव पेशेंट लाइन लिस्ट रिपोर्ट की मानें तो मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब तक 2699 बच्‍चे कोरोना की चपेट में आ चुके है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्‍ट्र के अहमदनगर में सिर्फ मई के महीने में ही 9000 ज्यादा बच्‍चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। बच्‍चों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने अब स्वास्थ्य विभाग के भी होश उड़ा दिए हैं।

डूंगरपुर जिले में पिछले 10 दिनों में 512 बच्चे संक्रमित

राजस्थान के डूंगरपुर जिले की बात करे तो यहां पिछले 10 दिनों में 512 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए है। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि बच्‍चों के इस तरह कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों द्वारा इसे कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के तौर पर देखा जा रहा हे। डूंगरपुर जिले में केवल 10 दिनों में 512 बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया जाना चिंताजनक है।

विशेषज्ञों की ओर से तीसरी लहर की आशंका के बीच बाल रोग विशेषज्ञों ने माना की तीसरी लहर का असर अगर तेजी से बढ़ता है तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि बच्‍चों के इलाज के लिए देश में आईसीयू की खास व्‍यवस्‍था नहीं है जबकि बच्‍चों को इसकी जरूरत भी पड़ सकती है। कोरोना का हमला नवजात से लेकर 19 साल तक के बच्‍चों पर होता दिखाई दे रहा है।