दामाद के लालच ने उजाड़ डाली कई जिंदगियां, सास, ससुर और दो सालियों की हत्या कर उन्हें दफनाया

अक्सर इंसान लालच में कुछ ऐसे काम कर जाता हैं जो अपराध की ओर ले जाते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला रुद्रपुर हत्याकांड के दौरान जहां एक दामाद ने अपने लालच के चलते हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया। दामाद ने सास, ससुर और दो सालियों की हत्या कर उन्हें दफना दिया। दरअसल, यह मामला ससुर की 13 बीघा जमीन और मकान से जुड़ा हैं। जान गंवाने वाले हीरालाल अपनी संपत्ति को तीनों बेटियों को बराबर का बांटना चाहते थे। इसके लिए वह तैयारी भी कर रहे थे लेकिन इससे पहले ही दामाद ने उनकी और उनके परिवार की हत्या कर दी।

शनिवार को ट्रांजिट कैंप थाने में मौजूद हीरालाल के रिश्तेदार दुर्गा प्रसाद निवासी पैगानगरी ने बताया कि लीलावती की अपने पिता से नहीं बनती थी। चार साल पहले हीरालाल गांव पैगानगरी में आए थे और अपने दुखों को साझा किया था। दो बेटियों की उम्र बढ़ने पर उनकी शादी की चिंताएं भी उन्हें होने लगी थी। दूसरी तरफ दोनों बेटियों की शादी से पहले ही दामाद के संपत्ति में हिस्सा मांगने से वह परेशान थे।

हीरालाल ने संपत्ति में तीनों बेटियों को बराबर हिस्सा देने की बात कही थी लेकिन बंटवारा सभी की शादी करने के बाद करने की बात कही थी। दुर्गा प्रसाद का कहना है कि संपत्ति में अकेला अधिकार जमाने के लिए नरेंद्र ने सभी को मौत के घाट उतार दिया। हत्यारोपी नरेंद्र ने उन्हें गांव पहुंचकर बताया था कि उसके ससुर और एक साली की मौत हो गई है। इसके अलावा सास और साली गायब हो गए हैं। दुर्गा प्रसाद का कहना है कि हीरालाल रुद्रपुर में आकर प्रॉपर्टी डीलर का काम करने लगे थे।

सास, ससुर और दो सालियों की हत्या कर उन्हें घर में दफनाने वाला मुख्य हत्यारोपी घर-जमाई बनकर ससुरालियों के करीब आया था। नरेंद्र ने बताया कि हत्या से पहले उसने पत्नी लीलावती को मामले से अंजान रखने के लिए 18 अप्रैल 2019 को उसे बरेली में फूफा डोरीलाल के घर जाकर छोड़ दिया था। फिर 20 अप्रैल को हत्याएं करने और शवों को ठिकाने लगाने के 10 दिन बाद वह पत्नी को लेने बरेली रवाना हुआ।

यहां लौटने पर पत्नी लीलावती ने जब घर में ताला लगा होने पर अचरज जताया और परिजनों के बारे में पूछा तो नरेंद्र ने उसे सभी के हल्द्वानी स्थित कालाढूंगी रोड में बस जाने की बात कही थी। काफी दिनों तक कॉल और उनके घर नहीं पहुंचने पर पत्नी ने एक दिन परिजनों से मिलने के लिए जाने की बात कही लेकिन सच्चाई छिपाने के लिए वह लगातार उसे टालता रहा था।

दोनों मुख्य आरोपियों नरेंद्र और विजय एवं लीलावती को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने शनिवार तड़के तीन बजे तक तीनों से पूछताछ की। इस दौरान बारी-बारी से सभी के बयान दर्ज किए गए। रात 12 बजे मुख्य आरोपी नरेंद्र गंगवार से पुलिस ने पूछताछ की जो करीब एक घंटे से अधिक चली। सुबह 10:30 बजे दोनों आरोपियों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल लाया गया। इसके बाद कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।