15 लाख के सोने की चोरी के लिए क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बने बदमाश, सीसीटीवी में कैद हुई तस्वीरें

उत्तरप्रदेश के लखनऊ में व्यापारियों की लंबे समय से शिकायत रही हैं कि कई गिरोह ऐसे सक्रिय हैं जो भरे बाजारों में निशाना बनाते हैं और लूट को अंजाम देते हैं। ऐसी ही एक लूट को लखनऊ में चौक थानाक्षेत्र के चरक चौराहे पर अंजाम दिया गया जिसमें अपराधियों ने क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बन लूट की। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए 20 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई है। बदमाशों ने कोरियर कंपनी के एजेंट से 15 लाख रुपये के जेवरात उड़ा लिए। बदमाशों ने उसे चेकिंग का डर दिखाकर उसका बैग लिया और फरार हो गए। पीड़ित ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में बदमाशों की तस्वीरें दिखी हैं। केस दर्ज कर पुलिस बदमाशों की तलाश कर रही है।

आलमबाग के रहने वाले अवधेश त्रिपाठी लाजिस्टिक कोरियर कंपनी के एजेंट हैं। कंपनी, जेवरात को एक से दूसरे शहर पहुंचाने का काम करती हैं। अवधेश त्रिपाठी रविवार को चौक की एक सर्राफा की दुकान से सोने के जेवरात लेकर आलमबाग कोरियर कंपनी के कार्यालय जा रहे थे। जहां से इन जेवरात की डिलीवरी वाराणसी होनी थी।

अवधेश, बैग में जेवरात का डिब्बा लेेकर चरक चौराहे की तरफ जा रहे थे। रास्ते में ढाल के पास उन्हें एक व्यक्ति ने रोककर खुद को क्राइम ब्रांच में तैनात बताया। उसने कहा कि सामने इंस्पेक्टर साहब खड़े हैं। आपको बुला रहे हैं। अवधेश जब उन दोनों के पास गए तो सभी ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। इसके साथ ही बैग चेक करने के लिए मांगा। अवधेश ने विरोध किया तो पुलिसिया अंदाज में धमकी दी। जिस पर सहमे अवधेश ने बैग दे दिया। इसी बीच एक और युवक वहां पहुंचा। उसने अवधेश को बातों में उलझाए रखा। दूसरे ने बैग से जेवरात का डिब्बा गायब कर अवधेश को दे दिया। कुछ दूर जाने के बाद अवधेश ने बैग चेक किया तो डिब्बा गायब था। उसने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।

प्रभारी निरीक्षक विश्वजीत सिंह के मुताबिक, वारदात स्थल की पड़ताल की गई। मौके पर कई सीसीटीवी फुटेज में बदमाशों की तस्वीरें सामने आई हैं। इसके आधार पर उनकी तलाश की जा रही है। अवधेश के बैग में कितना सोना था, यह अभी बताया नहीं जा सकता है। वहीं एसपीपी चौक आईपी सिंह ने बताया कि अवधेश ने पूछताछ में बताया कि बैग में 350 ग्राम सोने के जेवर थे।

व्यापारियों के मुताबिक, यह वारदात पहली नहीं है। राजधानी में कई गिरोह सक्रिय हैं। यह भीड़भाड़ वाले बाजारों में निशाना बनाते हैं। फर्जी तरीके से पुलिसकर्मी बनकर लोगों को ठगते हैं। इस तरह के गिरोह गोमतीनगर, मड़ियांव, जानकीपुरम, विभूतिखंड, गाजीपुर, इंदिरानगर, महानगर व अलीगंज इलाके में सक्रिय हैं। व्यापारियों का आरोप है कि इस तरह के फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लगातार शोषण किया जा रहा है।