वक्फ संशोधन विधेयक (2024) को लेकर कांग्रेस नेता और सांसद इमरान मसूद ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यक समुदाय को योजनाबद्ध तरीके से दबाने की कोशिश कर रही है। इमरान मसूद ने कहा, “मदरसे और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) को टारगेट किया जा रहा है। मुस्लिम बच्चों की छात्रवृत्ति रोक दी गई है। यह सिर्फ मुसलमानों की लड़ाई नहीं है, बल्कि हमारे संविधान की आत्मा की लड़ाई है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास अब सबसे बड़ी चुनौती है – समानता के अधिकार को बचाना। जब आप बुलडोजर चला रहे हैं, तो सवाल ये है कि क्या आप हमारा जीने का अधिकार भी छीन लेंगे? मदरसों पर ताले डाले जा रहे हैं, जहां गरीब मुस्लिम बच्चे शिक्षा पाते हैं। एएमयू जैसी संस्थानें जो देश की विरासत हैं, उन्हें कमजोर किया जा रहा है। छात्रवृत्तियाँ रोकी जा रही हैं – और इसका सबसे अधिक असर गरीब बच्चों पर होता है। सरकार अल्पसंख्यकों के बजट में कटौती कर रही है, और फिर वेलफेयर की बात करती है। ये दोहरी नीति अब नहीं चलेगी।”
मदरसों को बंद करने की साज़िश रची जा रही है – इमरान मसूद ने केंद्र पर साधा निशानावक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक और धार्मिक अधिकारों को योजनाबद्ध तरीके से खत्म किया जा रहा है। इमरान मसूद ने कहा, ये लोग पसमांदा मुसलमानों, महिलाओं और असमानता की बातें करते हैं, लेकिन क्या इनमें शिक्षा को बढ़ावा देने की कोई बात है? उल्टा, ये मदरसों पर ताले लगाना चाहते हैं – जहां गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फंड में लगातार कटौती कर रहे हैं और उसे बर्बादी की कगार पर ले जा रहे हैं। मुस्लिम छात्रों की स्कॉलरशिप रोक दी गई है। उन्होंने यह भी कहा, यह लड़ाई किसी एक मज़हब की नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा की लड़ाई है। हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे।
बाबरी से आगे बढ़ा संघर्षइमरान मसूद ने बयान में कहा, बाबरी मस्जिद सिर्फ एक मस्जिद नहीं थी। अब तो हर मस्जिद, ईदगाह और खानकाह पर हमला किया जा रहा है। जो लोग इस बिल के पक्ष में वोट कर रहे हैं, वे अल्पसंख्यकों की आवाज़ को दबा रहे हैं। जेडीयू सहित तमाम सहयोगी दल इस साज़िश में भागीदार हैं। वे अब मुसलमानों के वोट के हकदार नहीं रहे।
मुसलमान को किया जा रहा है टारगेटये पूछे जाने पर कि कई जगहों से जश्न की तस्वीरें आ रही हैं, उन्होंने कहा, जश्न कौन मना रहा है। इन तन्खवाही के बारे में क्या बात करें। ये तन्ख्वाही हैं मुसलमानों के। वेतन खाते हैं मुसलमानों के नाम पर। आज मुसलमान को टारगेट किया जा रहा है। लोकतंत्र के अंदर ये नहीं है कि संख्या बल के आधार पर आप अपने विचारों से असहमत लोगों को जीने का अधिकार नहीं देंगे।
ये संविधान के ऊपर हमलाबिल पास होने के बाद JDU में इस्तीफ़े का दौर शुरू होने पर उन्होंने कहा कि मैं इसे किसी भी तरह से नहीं देखता। वक़्त निकल गया है। आप एक्सपोज हो गए हैं। चाहे TDP हो या JDU, ये संविधान के ऊपर हमला था सिर्फ मुसलमान पर हमला नहीं था। मुसलमान सिर्फ़ टार्गेट किया गया है।