Independence Day Special : सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है तिरंगा, जानें क्या कहते है इसके रंग

देश की आन, बान और शान तिरंगा जिसके सम्मान के लिए हर देशवासी मर मिटने के लिए तैयार रहता हैं। स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर तिरंगा फहराया जाता हैं। तीन रंगों से बना यह तिरंगा सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। तिरंगे का हर रंग विशेष महत्व रखते हुए अपने भाव प्रकट करता हैं। आपने तिरंगे में तीन रंग और बीच में अशोक चक्र देखा हैं, लेकिन क्या आप इन रंगों के पीछे छिपे भाव को जानते हैं। अगर नहीं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या कहते है तिरंगे के ये रंग, आइये जानें।

केसरिया रंग

हमारे देश के तिरंगे में सबसे ऊपर स्थित पट्टी में केसरिया रंग है। ये रंग देश की शक्ति तथा साहस को दर्शाता है। कुछ लोग केसरिया रंग को हिंदू धर्म से भी जोड़ते हैं।

सफेद रंग

वहीं हमारे देश के तिरंगे के बीचोंबीच स्थित पट्टी में सफेद रंग है। ये शांति और सत्य का प्रतीक है। इसी पट्टी में नीले रंग का अशोक चक्र स्थित है। सफेद रंग महात्मा गांधी के निर्देशों के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज में सम्मितिल किया गया था। इसके पीछे तर्क था कि इंडिया के अन्य धर्मों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस रंग का समावेश आवश्यक है।

हरा रंग

यहां पर बात हो रही हैं हमारे देश के तिरंगे की सबसे निचली पट्टी की, जिसका रंग हरा है। ये उर्वरता, हरित क्रांति, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। इंडियन समाज का अभिन्न अंग मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले इस रंग का विशेष महत्व इसलिए भी है कि मुस्लिम समुदाय की आस्था इस रंग से जुड़ी हुई है।

तिरंगे में स्थित अशोक चक्र

हमारे देश के तिरंगे के बीच की सफेद पट्टी में स्थित चक्र को धर्म चक्र कहा जाता है। इसे विधि चक्र भी कहते हैं। मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर के अशोक स्तंभ से इस चक्र को लिया गया है। इसका तिरंगे में समावेश करने का एकमात्र उद्देश्य यह बताना है कि जीवन गतिशील है और चक्र के रुकने का अर्थ है मृत्यु। यह चक्र प्रगति का प्रतीक भी है।