हमारे देश में एक गुरु को भगवान से पहले पूजा जाता हैं क्योंकि जीवन की सही राह दिखाने वाला एक गुरु ही होता हैं और गुरु की इसी महत्ता को देखते हुए 5 सितम्बर का दिन देश में 'शिक्षक दिवस' के तौर पर मनाया जाता हैं। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने शिक्षक का असली महत्व नहीं समझ पाते हैं और उनका आदर नहीं करते हैं। इसलिए आज 'शिक्षक दिवस' के इस ख़ास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं एक शिक्षक का महत्व क्या होता हैं। तो आइये जानते हैं।
* शिक्षक में दो गुण निहित होते हैं, एक जो आपको डरा कर नियमों में बाँधकर एक सटीक इंसान बनाते हैं और दूसरा जो आपको खुले आसमा में छोड़ कर आपको मार्ग प्रशस्त करते जाते हैं।
* जन्म दाता से ज्यादा महत्व शिक्षक का होता हैं क्यूंकि ज्ञान ही व्यक्ति को इंसान बनाता हैं जीने योग्य जीवन देता हैं।
* एक शिक्षक किताबी ज्ञान देता हैं, एक आपको विस्तार समझाता हैं एक स्वयं कार्य करके दिखाता हैं और एक आपको रास्ता दिखाकर आपको उस पर चलने के लिए छोड़ देता हैं ताकि आप अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व बना सके। यह अंतिम गुण वाला शिक्षक सदैव आपके भीतर प्रेरणा के रूप में रहता हैं जो हर परिस्थिती में आपको संभालता हैं आपको प्रोत्साहित करता हैं।
* हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती हैं। बिना प्रेरणा के किसी भी ऊँचाई तक पहुंचना असम्भव हैं।
* हम अपने जीवन के लिए माता पिता के ऋणी होते हैं लेकिन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हम एक शिक्षक के ऋणी होते हैं।
* शिक्षक स्वयम कभी बुलंदियों पर नहीं पहुँचते लेकिन बुलंदियों पर पहुँचने वालो को शिक्षक ही निर्मित करते हैं।
* एक सफल शिक्षक वही हैं जिसमे सहनशीलता एवम सकारात्मकता होती हैं।
* किसी महान देश को महान बनाने के लिए माता पिता एवम शिक्षक ही ज़िम्मेदार होते हैं।