ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर राहत भरी खबर, कानपुर IIT के प्रोफेसर का दावा - कम घातक रहेगी तीसरी लहर, अप्रैल में हो जाएगी खत्म

देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गए हैं। कोरोना के पिछले 24 घंटे के दौरान 33 हजार 750 नए केस सामने आए हैं जबकि इस दौरान 123 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके बाद देश में सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या अब 1 लाख 45 हजार 582 हो चुकी है। हालांकि, इस दौरान कोरोना से 10 हजार 846 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। इसके बाद देश में अब तक कोरोना से ठीक होने वालों की कुल संख्या बढ़कर 3 करोड़ 42 लाख 95 हजार 407 हो चुकी है। जबकि, इस महामारी के चलते अब तक 4 लाख 81 हजार 893 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। देश में अब तक रिकॉर्ड 145 करोड़ से ज्यादा टीकाकरण किया जा चुका है। देश में बढ़ते संक्रमण के बीच ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर राहत भरी खबर सामने आई है। IIT कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक और पद्मश्री प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी की तरह घातक नहीं होगी और ये अप्रैल तक ख़त्म हो जाएगी। प्रो अग्रवाल ने कहा कि चुनावी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग गाइडलाइन का पालन किए बगैर पहुंचते हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। ऐसे में एहतियात बरतने की जरूरत है।

प्रो अग्रवाल ने कहा कि यदि चुनावी रैलियां होती हैं तो संक्रमण समय से पहले तेजी पकड़ सकता है। उनका कहना है कि चुनाव को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। इसका अधिकार जिन संस्थाओं के पास है, वह निर्णय लेंगी। बस सभी को अलर्ट रहना होगा। अपने गणितीय मॉडल के आधार पर कोरोना महामारी के बारे में बताने वाले मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक भारत में जनवरी में तीसरी लहर आएगी, मार्च में 1.8 लाख केस रोज आ सकते हैं। राहत की बात यह रहेगी कि हर 10 में से 1 को ही अस्पताल की जरूरत पड़ेगी। मार्च के मध्य में 2 लाख बेड की जरूरत होगी।

प्रो अग्रवाल पहले ही कह चुके हैं कि अफ्रीका और भारत में 80% जनसंख्या 45 वर्ष से नीचे वाली है। दोनों ही देशों में नैचुरल इम्युनिटी 80 फीसदी तक है। दोनों ही देशों में डेल्टा वेरिएंट म्यूटेंट के कारण रहा है।

उन्होंने दावा किया, 'दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत में भी अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका कम है।'

उधर, नए साल के मौके पर संदेश देते हुए WHO के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि 2022 में कोरोना (Covid-19) को हम खत्म कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए दुनिया को मिलकर कुछ सामूहिक काम करना होगा। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि हम विश्व इस महामारी के तीसरे साल (Third year) में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में आज भी यह हमारे लिए चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि 2022 में हम कोरोना को आसानी से खत्म कर सकते हैं लेकिन इसके लिए हमें पहले असमानता को खत्म करना होगा।

WHO प्रमुख तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने जिस असमानता की बात की है उसका मतलब है कि कोरोना को लेकर विश्व में असमानता। यानी एक तरफ अमीर देश कोरोना के खिलाफ संसाधनों के दम पर कारगर तरीके से लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर गरीब देशों में आज तक 10% आबादी को भी भी वैक्सीन नहीं लगी है।