उदयपुर : सड़कों पर तो पुलिस वसूल रही जुर्माना और सेंट्रल जेल में गाइडलाइन पर लापरवाही, ढाई महीने में मिले 63 संक्रमित

कोरोना के इस दौर में पुलिस ने काेराेना गाइड लाइन की पालना कराने के लिए सड़कों पर सख्ती दिखाई और लापरवाही करने वाले लोगों के चालान काटे।इसका पता इस बात से ही लगता है कि शुक्रवार को करीब डेढ़ लाख रुपए जुर्माना वसूला गया।लेकिन इसके उलट सेंट्रल जेल में पुलिस को ही लापरवाही बरतते देखा गया जहां 910 क्षमता वाली जेल में 1245 कैदीयों को रखा गया हैं जबकि पिछले ढाई महीने में जेल के 63 बंदी काेराेना संक्रमित मिल चुके हैं। पिछले दिनाें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एडीजे कुलदीप सूत्रकार ने सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया था। उन्हाेंने भी माना कि जेल में ओवर क्राउडिंग है, जिसके कम करने की जरूरत है।

जिले में पांच उपकारागृह हैं, जिनमें 405 बंदी रखने की क्षमता है। इसके उलट इनमें अभी 248 बंदी ही हैं, जबकि 157 की जगह खाली पड़ी है। ऐसे में सेंट्रल जेल से बंदियों को 5 सबजेल में बांटा जा सकता हैं। पांचाें उपजेलाें में से सिर्फ मावली में 27 की क्षमता के मुकाबले 32 यानी 5 बंदी ज्यादा हैं। सलूंबर में 84 की जगह 63, कानाेड़ 25 की जगह 20, झाड़ाेल 105 की जगह 37 और काेटड़ा 164 की जगह 96 ही बंदी हैं। सेंट्रल जेल की ओवर क्राउडिंग कम करने के लिए इन उप जेलाें में बंदियाें काे शिफ्ट किया जाए ताे इनके बीच साेशल डिस्टेंस हाे पाएगा। जेल काे अधिकारियाें इसके लिए मुख्यालय के निर्देशाें का इंतजार है।

नियमों का इतना कड़ा पहरा फिर भी मिले 63 संक्रमित

गत वर्ष मार्च में शुरु हुए काेराेना दाैर के बाद से जेल विभाग ने संक्रमण काे राेकने के लिए नियमाें का कड़ा पहरा बना रखा है। काेई भी आराेपी काेर्ट के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जात है ताे उसका काेराेना टेस्ट हाेता है। रिपाेर्ट नेगेटिव आने के बाद भी उसे जेल के अंदर अन्य बंदियाें में शामिल नहीं किया जाता, बल्कि 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाता है। क्वारेंटाइन अवधि पूरी हाेने के बाद फिर से काेराेना सैंपल लिया जाता है, रिपाेर्ट निगेटिव आती है तब ही उसे अन्य बंदियाें के साथ रखा जाता है। यहां तक कि अभी बंदियाें से उनके परिजनाें की मुलाकात भी वीडियाे काॅल के माध्यम से कराई जा रही है। नियमाें का इतना कड़ा पहरा हाेने के बाद भी 63 बंदी संक्रमित हाे गए हैं।