क्या राजस्थान में भी कांग्रेस अपनाएगी 40% टिकट महिलाओं को देने वाला फॉर्मूला? गहलोत ने प्रियंका के इस फैसले को बताया स्वागत योग्य

बीते दिन कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की हैं कि चुनावों चुनावों में महिलाओं को 40% टिकट दिया जाएगा। कोई भी पार्टी प्रियंका के इस फैसले की खुलकर आलोचना नहीं कर पाई। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रियंका के इस फैसले को स्वागत योग्य बताया, लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि यूपी चुनावों के लिए प्रियंका का फॉर्मूला कांग्रेस राजस्थान सहित बाकी राज्यों में भी लागू करने की हिम्मत जुटा पाएगी। प्रियंका फॉर्मूला यदि राजस्थान में भी लागू किया जाता है तो प्रदेश में 200 में से 80 सीटों पर महिलाओं को टिकट देना होगा। ऐसे में लगभग 50 सीटाें पर पुरुष प्रत्याशियाें का टिकट कटना तय है। वर्तमान में प्रदेश विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और निर्दलीय महिला विधायकों की कुल संख्या 26 हैं। इनमें से 14 कांग्रेस के पास, 10 भाजपा, एक निर्दलीय और एक आरएलपी से हैं।

राजस्थान में 200 विधानसभा सीट हैं, जिन पर दिसंबर 2023 में चुनाव होने हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इन सीटों पर महज 27 महिला प्रत्याशियाें काे ही चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें 12 जीतकर विधानसभा पहुंची। इसके बाद उपचुनावों में 2 अन्य महिला विधायकों को टिकट दिए और वे भी जीतीं। ऐसे में कांग्रेस में महिला विधायकाें की संख्या अब 14 हाे गई है, जबकि भाजपा के पास अभी केवल दस महिला विधायक ही हैं।

कांग्रेस की मौजूदा महिला विधायकों में बामनवास से इंदिरा मीणा, बानसूर से शकुंतला रावत, कामा से जाहिदा खान, रामगढ़ से सफिया जुबेर, ओसियां से दिव्या मदेरणा, सादुलशहर से कृष्णा पूनियां, शेरगढ़ से मीना कंवर, बगरू से गंगा देवी, जायल से मंजु कुमारी, जोधपुर से मनीषा पंवार, किशनगढ़ से निर्मला सहरिया, सिकराय से ममता भूपेश। इसके बाद उपचुनावों में मंडावा से रीटा चौधरी, सहाड़ा से गायत्री त्रिवेदी चुनाव जीतीं। वहीं वल्लभनगर विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया है। इस तरह कांग्रेस ने विधानसभा के आम चुनाव और उपचुनावों को मिलाकर अब तक 30 महिलाओं को टिकट दिए।