देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ICMR ने बदली जांच की रणनीति, अब इन लक्षण वालों की सात दिन में होगी जांच

ICMR ने कोविड-19 (Covid-19) के जांच की रणनीति बदलने का फैसला किया है। आईसीएमआर ने अपनी गाइडलाइन में सख्त शब्दों में लिखा है कि टेस्टिंग में कमी के कारण इस इमरजेंसी प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। सभी जांच रियलटाइम आरटी-पीसीआर टेस्ट से होंगी। आईसीएमआर ने कहा कि अब ऐसे लोगों की भी जांच की जाएगी जो मरीज के सीधे संपर्क में आए हैं और उनमें लक्षण नहीं दिख रहे, वो भी 5 से 10 दिनों के अंदर। कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे कर्मचारियों को जांच के दायरे में रखा गया है।

इन 8 तरह के लोगों की होगी जांच

- विदेश से लौटेने वाले ऐसे नागरिकों और प्रवासियों, जिनमें इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षण (आईएलआई) दिखाई देंगे, उनकी कोरोना जांच सात दिन के भीतर सुनिश्चित की जाएगी।

- लैब में मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसके सम्पर्क में आए सभी लोगों की जांच की जाएगी।

- स्वास्थ्य व अन्य अति आवश्यक कामों में लगे कर्मचारी जो कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे हैं और उनमें इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण दिख रहे हैं।

- ऐसे मरीज जो एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की गंभीर स्थिति से जूझ रहे हैं।

- कोविड-19 के मरीज के सीधे सम्पर्क में आए ऐसे लोग जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं, उनकी मुलाकात के पांच से दस दिनों के अंदर जांच होगी।

- हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले लोग।

- इंफ्लूएंजा के सभी मरीज और ऐसे लोग जिनमें इसके लक्षण दिखने शुरू हो रहे हैं।

- इंफ्लूएंजा के लक्षण वाले प्रवासी या दूसरी जगह से लौटने वाले मजदूर की जांच तबियत खराब होने के सात दिन के अंदर होगी।

एक अधिकारी का कहना है कि आईसीएमआर ने अपनी रणनीति में संशोधन देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में उछाल आने पर लिया है। नई रणनीति के तहत संक्रमण के प्रसार को और प्रभावी तरीके से रोकने पर और संदिग्ध मरीजों की तेजी से जांच करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट हेड डॉ रजनीकांत श्रीवास्तव के मुताबिक, शुक्रवार तक देश में पीसीआर टेस्ट का आंकड़ा 20 लाख पार हो गया। देश में 20 लाख 39 हजार 952 नमूनों की जांच की जा चुकी है। पिछले दो महीनों में जांच करने की क्षमता में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अब करीब 1 लाख जांच रोजाना हो रही हैं।

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