कोरोना पॉजिटिव का बार-बार RT-PCR टेस्ट न कराए, ट्रैवलिंग पर भी जांच की जरूरत खत्म हो: ICMR

कोरोना की दूसरी लहर में देश में रोजाना तकरीबन 4 लाख मरीज मिल रहे है। पिछले 24 घंटे में 3.82 लाख नए मरीज मिले है। यह आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमित देश अमेरिका के नए कोरोना मरीजों से 9 गुना ज्यादा है। वहां बीते दिन 42,354 संक्रमितों की पहचान हुई। उधर, कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ते जा रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 3,783 लोगों की जान गई। यह एक दिन में होने वाली मौत के मामले में यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। राहत की बात यह रही कि बीते दिन 3.37 लाख लोगों ने कोरोना को मात दी। यह भी एक रिकॉर्ड है।

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ टेस्टिंग पर भी जोर दिया जा रहा है। जिसके चलते लोग अब ज्यादा से ज्यादा तादाद में टेस्ट करवा रहे हैं। जिसके चलते देशभर की लैब पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ICMR का कहना है कि संक्रमण की दूसरी लहर में टेस्टिंग लैब्स पर भारी दबाव है। ऐसे में जांच का टारगेट पूरा करने में परेशानी हो रही है। लैब के कर्मचारी भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे हालात देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मंगलवार को कोरोना टेस्टिंग पर नई एडवाइजरी जारी की है।

ICMR ने लैब पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट बढ़ाने का सुझाव दिया है। ICMR ने एडवाइजरी में कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसे 2020 में मान्य किया गया था। अब इसका उपयोग कम किया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन में या कुछ हेल्थ सेंटर में इसे यूज किया जा रहा है। इससे सिर्फ 20 मिनट में कोरोना संक्रमण का पता चल जाता है। इसे बढ़ावा देने से लैब्स पर दबाव कम होगा।

लैब्स पर दबाव कम करने के लिए ICMR के सुझाव

- एक बार पॉजिटव आने पर किसी भी व्यक्ति का दोबारा RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्‍ट न किया जाए।
- कोरोना से ठीक होने वाले मरीज का डिस्चार्ज होते समय टेस्ट जरूरी नहीं है।
- एक स्वस्थ्य व्यक्ति अगर इंटर स्टेट ट्रैवल कर रहा है तो उसे टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। इससे लैब पर दबाव कम होगा।
- राज्यों को मोबाइल सिस्टम के जरिए RT-PCR टेस्‍ट बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

रैपिड टेस्ट पर ICMR ने ये कहा

- शहरों और कस्बों में कई जगहों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test) के लिए बूथ की व्यवस्था की जाए, इन बूथों में सातों दिन और 24 घंटे टेस्टिंग की जाए।
- स्कूल-कॉलेज और कम्युनिटी सेंटर में भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की जाए।
- निजी और सरकारी हेल्थकेयर फैसिलिटी में रैपिड एंटीजन टेस्ट को शामिल किया जाए।

भारत में रोजाना 15 लाख टेस्ट की कैपेसिटी

भारत में इस समय 2506 मॉलिक्यूलर टेस्टिंग लैबोरेटरी हैं। इनमें कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं। इन सबको मिलाकर भारत में 15 लाख टेस्ट रोजाना किए जा सकते हैं। भारत में टेस्टिंग का ओवरऑल पॉजिटिव रेट 20 प्रतिशत से ज्यादा है।