जाधव को होगी फांसी या मिलेगी आरोपों से मुक्ति, इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) फरवरी में लेगा अंतिम फैसला

पाकिस्तान Pakistan की जेल में बंद भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव Kulbhushan Jadhav मामले की सुनवाई इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) अगले साल फरवरी में करेगा। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ICJ फरवरी में एक सप्ताह तक इस मामले की सुनवाई करेगा। जाधव को जासूसी के आरोपों में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दी हुई है। भारत की तरफ से इस मामले को उठाने के बाद ICJ ने कुलभूषण की सजा पर रोक लगा रखी है।

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार रिया था। पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे। भारत ने इन सारे दावों को खारिज कर दिया है। पिछले साल मई में भारत की तरफ से इस मामले को ICJ के मंच पर उठाया गया था। वहां कुलभूषण की फांसी के फैसले का विरोध किया गया था। इसके बाद भारत की याचिका पर आईसीजे से जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। अब इस मामले में आईसीजे का अंतिम फैसला लंबित है।

पाकिस्तान के जियो टीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि आईसीजे अगले साल फरवरी में एक हफ्ते तक रोजाना जाधव के मामले की सुनवाई करेगा। पाकिस्तान ने अपने दावों में कहा है कि कुलभूषण कोई आम आदमी नहीं हैं बल्कि वह जासूसी और तबाही फैलाने के उद्देश्य से पाक में घुसे थे।

ICJ में भारत ने अपनी लिखित दलीलों में पाकिस्तान पर जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध नहीं कराकर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप भी लगाया है। भारत ने दलील दी थी कि इस संधि में इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं है कि जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किसी व्यक्ति को ऐसी सुविधा नहीं दी जा सकती है। आपको बता दें कि भारत की तमाम मांगों के बावजूद पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच नहीं दी थी।