असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) का फाइनल ड्राफ्ट जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी सत्ता में नहीं आने वाली है, इसलिए वह बौखलाई हुई है। एनसीआर के मुद्दे पर गृहयुद्ध वाले बयान पर ममता ने कहा कि उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने तो बस 40 लाख लोगों के बेघर होने का मुद्दा उठाया है। ममता बनर्जी के 'रक्तपात' और 'गृहयुद्ध' संबंधी बयान पर बीजेपी को अब कांग्रेस का भी साथ मिल गया है। बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के असम अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी ममता के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते ममता को गृहयुद्ध के लिए उकसाना नहीं चाहिए। बोरा ने कहा, 'हम इस बयान की निंदा करते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी का असम में कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि राज्य में 'पूरी तरह से शांति' है।
संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुई हैं। वे लगातार अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं। इसी क्रम में आज बुधवार को उन्होंने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई नेताओं से मुलाकात की।
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन के मुद्दे पर उन्होंने कल एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार की इस नीति से देश में रक्तपात होगा और गृहयुद्ध के हालात पैदा हो जाएंगे। गृहयुद्ध के बयान पर बीजेपी ने ममता को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर दीदी को लगातार निशाना बना रही है और उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि उन्होंने गृहयुद्ध वाली बात किस आधार पर की है।
आज जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वह बीजेपी की गुलाम नहीं हैं, जो उनकी हर बात का जवाब दें। गृहयुद्ध के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है, बल्कि उन्होंने असम के 40 लोगों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है।
टीएमसी की मुखिया ने कहा कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में बीजेपी सत्ता में आने वाली नहीं है, अपनी हार को देखते हुए बीजेपी बौखलाई हुई है।